Last Updated: Friday, July 12, 2013, 23:47
नई दिल्ली : चुनाव सुधारों पर उच्चतम न्यायालय के फैसलों से देश की राजनीति पर व्यापक असर पड़ने की बात स्वीकारते हुए सरकार ने आज कहा कि उसने अभी इस मुद्दे पर कोई रख नहीं अपनाया है और इस बारे में बहुत कुछ अलग-अलग राजनीतिक दलों के विचारों पर निर्भर करेगा।
कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ‘ये फैसले बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका देश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ेगा। हम इस बारे में निर्णय लेने के लिए अन्य राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करेंगे कि आगे क्या कदम उठाने की जरूरत है।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक स्पष्ट रख तय नहीं किया है। कुछ राजनीतिक दलों ने उनसे संपर्क जरूर किया है और उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विरोध जताया है।
शीर्ष अदालत ने इस फैसले में उन लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है जो पुलिस या न्यायिक हिरासत में होंगे। समझा जाता है कि फैसलों पर सिब्बल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत की है। सूत्रों ने कहा कि पहले इस विषय पर कांग्रेस पार्टी में विचार किया जाएगा और बाद में अन्य अलग-अलग दलों के साथ बातचीत कर आम-सहमति बनाई जाएगी। इस बीच सूत्रों ने कहा कि फैसले में ‘कानूनी कमजोरियां’ हैं और इसमें संविधान की भावना नहीं झलकती।
एक अधिकारी ने कहा, ‘संविधान कहता है कि कानून बनाने का अधिकार संसद को है और अदालतें उनकी व्याख्या कर सकती है। अब अधिकारों पर सवाल उठाया गया है, इस बारे में फैसला होने दें।’ राजनीतिक दल शीर्ष अदालत की किसी बड़ी पीठ के समक्ष जाने या इस फैसले को बदलने के लिए किसी विधायी तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। माकपा ने पहले ही मांग की है कि सरकार को इस फैसले की समीक्षा की मांग करनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 12, 2013, 23:47