Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 10:20

नई दिल्ली : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने काले धन के प्रयोग को खत्म करने के लिए दस सूत्री प्रस्ताव दिया है और इस पर सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के विचार मांगे हैं।
चुनाव आयोग के सुझाव में यह धारा भी जोड़ने को कहा है दल के ‘कोषाध्यक्ष’ के लिए आवश्यक बना दिया जाए कि वह पार्टी के सभी वित्त एवं खाते को दुरूस्त रखे और दलों के लेखा बही को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के मानकों के मुताबिक बनाए।
चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी को मिले अनुदान को उपयुक्त समय सीमा के अंदर मान्यता प्राप्त बैंक खाते में जमा कराया जाए। आयोग ने चुनाव खर्च निगरानी प्रकोष्ठ का निर्माण किया है और कुछ वषरें से धन स्थानांतरण की निगरानी के लिए कर अधिकारियों को लगाया है। इसने कहा कि चुनाव खर्च के लिए उम्मीदवारों को दिया जाने वाला धन आरबीआई के नियमों के मुताबिक मान्यता प्राप्त बैंकिंग चैनल से ही दिया जाए।
आयोग ने कहा कि जहां पर पार्टी अपने उम्मीदवारों को चुनाव अभियान के खर्च के लिए अनुमानित राशि देती है, वहां सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस तरह के धन केवल अकाउंट में भुगतान होने वाले चेक या ड्राफ्ट या आरटीजीएस या एनईएफटी या इंटरनेट अंतरण से ही हो। आयोग ने सुझाव दिया कि दलों ने उम्मीदवारों को जो धन दिया है उसके लिए उन्हें उम्मीदवारों से ‘उपयोगिता प्रमाणपत्र’ हासिल करना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 10:20