Last Updated: Tuesday, July 9, 2013, 17:47

लेह: चीन की सेना ने फिर से लद्दाख के चुमार सेक्टर में घुसपैठ कर भारतीय सेना के कुछ बंकरों को ध्वस्त कर दिया है और सीमावर्ती पोस्ट पर लगे कैमरों के तार काट दिए । इसी वर्ष अप्रैल में लद्दाख के इसी क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई थी ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घुसपैठ 17 जून को हुआ । चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक चुमार सेक्टर में घुस आए और वहां बने निगरानी बंकरों को तोड़ दिया तथा चीनी सीमा की ओर निगरानी करने वाले कैमरों के तार काट दिए ।
यहां से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित चुमार क्षेत्र चीन की सेना के लिए हमेशा से असुविधा का क्षेत्र रहा है । भारत-चीन सीमा पर यह इकलौता क्षेत्र है जहां पीएलए की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक सीधी पहुंच नहीं है ।
भारतीय सेना द्वारा चुमार डिविजन में एक निगरानी टावर का निर्माण करने के बाद चीन की सेना 15 अप्रैल को लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में घुस आयी थी । 21 दिनों तक चला यह गतिरोध पांच मई को सेना द्वारा निगरानी टावर हटाए जाने के बाद समाप्त हुआ ।
इस वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह की फ्लैग बैठक में हुई बातचीत के अनुसार चीनी पक्ष ने चुमार में वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप निगरानी टावर के निर्माण का विरोध किया था । निगरानी पोस्ट और रक्षा बंकरों को हटाने के बाद भारतीय सेना ने चीनी सेना की गतिविधियों पर निगरानी के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कैमरे लगा दिए थे । इस कदम से चीन की सेना चिढ़ गई ।
चीन का दावा है कि लद्दाख-हिमाचल प्रदेश सीमा पर स्थित सुदूर गांव चुमार उसकी सीमा में आता है । सूचनाओं के मुताबिक चीन लगभग हर साल हेलीकॉप्टर से घुसपैठ की कोशिश करता है ।
पिछले वर्ष इसने पीएलए के कुछ सैनिकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से यहां पहुंचाया था जिन्होंने वहां बने भारतीय सेना और आईटीबीपी के अस्थाई तंबूओं को उखाड़ दिया था । इन तंबूओं का प्रयोग सामान के भंडारन के लिए किया जाता था ।
चीन की सीमा से इस इलाके तक सीधे नहीं पहुंचा जा सकता है जबकि भारत की ओर से लगभग सीमा के अंतिम छोर तक सड़क बनी हुई है । सेना इस सड़क पर अधिकतम नौ टन वजन तक का सामान ले जा सकती है । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 9, 2013, 11:06