Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 19:17

मिलान: भारत में 3600 करोड़ रूपये के अतिविशिष्ट हेलीकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर ली गई रिश्वत के मामले में रक्षा साजो-सामान बनाने वाली कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख की कथित भूमिका को लेकर सुनवाई आरंभ हो गई है।
इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद बीते फरवरी महीने में गुइसेपे ओरसी ने कंपनी के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन पर जालसाजी और भ्रष्टाचार का आरोप है। मामले की वजह से इस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है।
इस कंपनी की हेलीकॉप्टर इकाई अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व मुख्य कार्यकारी ब्रुनो स्पागनोलिनी के खिलाफ भी सुनवाई आरंभ हुई है। गिरफ्तारी वारंट के अनुसार अभियोजक एगेनियो फुसको ने आरोप लगाया कि दोनों व्यक्तियों ने रिश्वत और भ्रष्टाचार की उस व्यवस्था का संरक्षण किया जो इनके समय ‘कंपनी का दर्शन’ बन गई थी।
साल 2010 में जब इस सौदे पर हस्ताक्षर किया गया था ओरसी अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख थे और साल 2011 में वह फेनमेकानिका के सीईओ बने। स्पागनोलिनी ने अगस्ता वेस्टलैंड में ओरसी का स्थान लिया।
सुनवाई के पहले दिन यहां की अदालत ने भारत सरकार और इतालवी कर विभाग को मामले में पीड़ित पक्ष के तौर पर स्वीकार किया। इससे उन्हें गवाहों से सवाल-जवाब करने में शामिल होने में मदद मिल सकेगी तथा फैसला आने पर ये नुकसान की भरपाई की मांग भी कर सकेंगे। ओरसी ने आरोपों से इंकार किया है, जबकि स्पागनोलिनी ने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है।
फेनमेकानिका और अगस्ता वेस्टलैंड दोनों ने कुछ भी गलत करने के आरोप से इंकार करते हुए कहा है कि वे जांच अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही हैं। ओरसी के वकील एनियो अमादियो ने कहा कि उनके मुवक्किल का इरादा भविष्य की सुनवाइयों में उपस्थित रहने का है ताकि वह इस बात को साबित कर सकें कि हेलीकॉप्टर सौदे में कुछ भी गैरकानूनी नहीं हुआ था।
जांच के दौरान ओरसी को करीब 80 दिनों तक जेल में रहना पड़ा और मई की शुरूआत में उन्हें जमानत मिली। स्पागनोलिनी भी इसी समय नजरबंदी से रिहा हुए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 19:17