Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 18:17

नई दिल्ली : भारत ने एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्तावेस्टलैंड से जुड़े 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे को हासिल करने के लिए ‘अनैतिक तरीकों’ के इस्तेमाल के आरोपों पर मंगलवार को ब्रिटेन से अपनी ‘गंभीर चिंता’ जतायी। इस पर ब्रिटेन ने सभी संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि उसके यहां दुनिया के काफी सख्त रिश्वत रोधी कानूनों में से एक कानून है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड कैमरन के साथ परमाणु ऊर्जा सहयोग, सुरक्षा, आतंकवाद और व्यापार सहित व्यापक मुद्दों पर बातचीत करने के बाद कहा कि उन्होंने हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़ी भारत की गंभीर चिंताओं से उन्हें अवगत कराया और उनसे इस संबंध में ‘पूर्ण सहयोग’ की मांग की।
सिंह और कैमरन ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बयान पढ़े। उन्होंने हालांकि किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विस्तार की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय असैनिक परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।
अपनी बातचीत का ब्यौरा देते हुए सिंह ने कहा, ‘हमने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टरों के लिए 2010 का ठेका हासिल करने में अनैतिक तरीकों के इस्तेमाल के संबंध में अपनी गंभीर चिंताओं से प्रधानमंत्री कैमरन को अवगत करा दिया है।’
प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि उन्होंने कैमरन से कहा कि हमने कंपनी से 22 फरवरी तक स्पष्टीकरण देने को कहा है ताकि यह जांच की जा सके कि समझौते में ठेके के प्रावधानों का क्या कोई उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में ब्रिटेन से पूरा सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री कैमरन ने इसकी जांच में अपनी सरकार की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया है।
कैमरन ने कहा, ‘अगस्तावेस्टलैंड के संबंध में हम सूचना संबंधी किसी भी अनुरोध का जवाब देंगे। मुझे खुशी है कि इतालवी अधिकारी इस मामले में विस्तार से गौर कर रहे हैं क्योंकि अगस्तावेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकनिका इतालवी कंपनी है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दूं कि ब्रिटेन में हमने भ्रष्टाचार विरोधी एक विधेयक पेश किया है जो संभवत: पूरी दुनिया का सबसे सख्त कानून है और इससे रिश्वत या भ्रष्टाचार की कोई भी समस्या जड़ से समाप्त होगी।’
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की पूर्ण सदस्यता के लिए ब्रिटेन के समर्थन को लेकर सिंह ने कैमरन को धन्यवाद दिया और कहा, ‘हमने द्विपक्षीय असैनिक परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।’
कैमरन ने हाईटेक निर्यात बढ़ाने के प्रयासों के तहत प्रौद्योगिकी साझा करने संबंधी नियमों को फिर से ‘परिभाषित’ करने की ब्रिटेन की इच्छा जतायी। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा सहित रक्षा और सुरक्षा सहयोग के संबंध में उन्होंने विस्तृत विचार विमर्श किया था।
सिंह ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर काफी स्पष्ट एवं सार्थक बातचीत की तथा अफगानिस्तान में सुरक्षा और राजनीतिक संक्रमण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कैमरन और मैं इस बात पर सहमत हुए कि अपने सामरिक संबंधों को बनाए रखने की खातिर दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे मिलकर विचार विमर्श करें और एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील बने रहें।’
आतंकवाद से मुकाबला के लिए अधिक सहयोग पर विस्तार से चर्चा होने का जिक्र करते हुए कैमरन ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के शिकार रहे हैं और ‘हम मिलकर काम करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हम सुरक्षित एवं स्थिर पाकिस्तान की आवश्यकता पर सहमत हुए जिससे न सिर्फ वहां शांति हो बल्कि पड़ोसियों के साथ भी शांति हो और जिससे उसकी सीमाओं के अंदर और बाहरी आतंकवादी खतरे समाप्त हो सके। हमने कहा कि पाकिस्तान को मुंबई के भयंकर हमलों के दोषियों को कानून के दायरे में लाना चाहिए तथा हम मिलकर काम करेंगे।’
कैमरन ने कहा कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान की स्थिति की समीक्षा की।‘ मैं यह स्पष्ट कर दूं कि ब्रिटेन अफगानिस्तान को छोड़ नहीं रहा है। हम अफगानिस्तान को समर्थन देते रहेंगे, उस समय भी जब हमारे सैनिक अफगान सशस्त्र बलों का प्रशिक्षण छोड़ देंगे। हम उन्हें महत्वपूर्ण दीर्घकालिक आर्थिक सहायता के साथ मदद करते रहेंगे।’
उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय योजना का हिस्सा है कि युद्ध से प्रभावित देश को फिर से आतंकवादियों की शरणस्थली बनने से रोका जाए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 18:17