Last Updated: Friday, October 5, 2012, 14:52

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी की जमानत याचिका खारिज कर दी और जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया। गौर हो कि जगनमोहन रेड्डी इस समय हैदराबाद जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने जगनमोहन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभी आपको इंतजार करना होगा। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद जगन ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जगन मोहन रेड्डी को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने मई के महीने में गिरफ्तार किया था। न्यायामूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने आज कहा कि सभी सात मामलों में सीबीआई जांच पूरी होने के बाद जगन मोहन रेड्डी जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
न्यायाधीशों ने जगन मोहन रेड्डी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि यह काफी बड़ा मामला है। जगन मोहन रेड्डी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम का तर्क था कि जमानत तो अभियुक्त का कानूनी अधिकार है और उनका मुवक्किल भी इसका हकदार है। उनका कहना था कि जमानत नहीं मिलने से संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त अधिकार का उल्लंघन होता है। लेकिन न्यायालय उनकी इन दलीलों से प्रभावित नहीं हुआ।
केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल मोहन पराशरन और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक भान ने जगन मोहन रेड्डी की जमानत का विरोध किया। उनका कहना था कि जगन के खिलाफ सात मामलों में जांच अभी भी जारी है और ऐसी स्थिति में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि विदेशों में संपत्ति का पता लगाने के लिए विभिन्न देशों को अनुरोध पत्र भी जारी किए जा चुके हैं।
न्यायाधीशों के सवालों के जवाब में पराशरन ने कहा कि जगन और उसके सहयोगियों ने तीन हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की संपत्ति अर्जित की है। इस सिलसिले में अब तक अदालत में चार आरोप पत्र दाखिल किये जा चुके हैं।
गौर हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी और उनके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच में गुरुवार को 51 करोड़ रुपए की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किया था।
First Published: Friday, October 5, 2012, 14:08