जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़े: जस्टिस गांगुली - Zee News हिंदी

जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़े: जस्टिस गांगुली



नई दिल्ली : टूजी मामले में फैसला सुनाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति एके गांगुली का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति उम्र बढाई जानी चाहिए। न्यायमूर्ति ने कहा कि 65 साल की उम्र सीमा अतार्किक ढंग से निर्धारित की गई है।

 

न्यायमूर्ति ने शीर्ष कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति उम्र पर अपना नजरिया पेश करते हुए कहा कि न्यायाधीश फुटबाल का खिलाड़ी नहीं है यानी (न्यायाधीश बनने के लिए) शारीरिक कौशल प्राथमिक आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश की स्थिति परिपक्वता और बुद्धिमत्ता की होती है और न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति उम्र में ज्यादा लचीलापन होना चाहिए क्योंकि जब तक वह चीजों को पूरी तरह से समझ पाते हैं, उन्हें पद छोड़ना पड़ता है।

 

टूजी स्पेक्ट्रम मामले में फैसला सुनाने वाली पीठ के सदस्य रहे न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश का कार्यकाल छोटा है जबकि विश्व के अन्य विशाल लोकतांत्रिक देशों के साथ ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के बारे में यह कहता हूं, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बारे में भी यही बात सही होनी चाहिए।

 

न्यायाधीश की स्थिति परिपवक्ता और बुद्धिमत्ता को लेकर होती है। यह वैश्विक रूप से स्वीकार्य है कि उम्र के साथ परिपक्वता और बुद्धिमत्ता आती है। एक न्यायाधीश फुटबाल का खिलाड़ी नहीं होता है। शीरीरिक कौशल प्राथमिक आवश्यकता नहीं होती है।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 8, 2012, 20:21

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