Last Updated: Tuesday, August 13, 2013, 21:12
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नई दिल्ली : भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ की गुस्से में कही गई बात इतनी अखरी कि कमलनाथ के अपने शब्द वापस लेने के बाद ही मामला शांत हुआ।
इस प्रकरण पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन की कार्यवाही नहीं चलने के पीछे महत्वपूर्ण कारण कमलनाथ में विनम्रता का अभाव है जबकि सभी लोग सदन चलाना चाहते है और विपक्ष सरकार से सहयोग को तैयार है।
दोपहर ढाई बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर जोशी ने अध्यक्ष मीरा कुमार से शिकायत की कि संसदीय कार्य मंत्री धमकाने वाले अंदाज में बात कर रहे और 40 वर्ष में किसी भी मंत्री ने उनसे इस तरह से बात नहीं की। भाजपा सदस्यों ने भी कमलनाथ के व्यवहार पर आपत्ति व्यक्त की।
इसके बाद कमलनाथ ने कहा कि कार्यवाही शुरू होने से पहले वह हमेशा की तरह सुषमा और जोशी के पास जाकर सदन की कार्यवाही चलाने के बारे में बात कह रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में कमलनाथ ने स्वीकार किया कि वह गुस्से में थे लेकिन उनका आशय संसद की कार्यवाही चलाने से था। उन्होंने कहा कि जोशी का मैं बहुत सम्मान करता हूं। वो बुजुर्ग हैं, मेरे वरिष्ठ हैं। अगर मेरी बात से उन्हें कोई ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।
इसके बाद सुषमा ने कहा कि क्या बोला जाता है, उससे महत्वपूर्ण यह है कि किस तरह से बोला गया है। आपमें (संसदीय कार्य मंत्री) सभी गुण हो सकते हैं लेकिन विनम्रता का अभाव है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 13, 2013, 21:12