Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 12:33

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस. पी. त्यागी ने इन आरोपों से इंकार किया कि वीवीआईपी के लिए इटली की कम्पनी फिनमेक्कनिका से 3600 करोड़ रुपये की लागत से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने के मामले में उन्हें रिश्वत दी गई थी ।
उन्होंने कहा कि मैं निर्दोष हूं । ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं और मैं इन्हें सिरे से खारिज करता हूं । सौदे पर 2010 में दस्तखत हुए थे जबकि मैं 2007 में सेवानिवृत्त हो गया था ।
यह पूछने पर कि फिनमेक्कनिका के पक्ष में निविदा में उन्होंने कोई बदलाव किए थे तो त्यागी ने कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के लिए कर्मचारी गुणवत्ता आवश्यकता 2003 में तय की गई थी जबकि इसके काफी बाद मैं वायु सेना प्रमुख बना और उसके बाद भारतीय वायु सेना ने जरूरतों में कोई बदलाव नहीं किए । सौदे के लिए ‘वायुसेना के पूर्व कैप्टेन त्यागी’ सहित तीन कथित दलालों से उनके संबंधों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वह उनके रिश्तेदार थे लेकिन ये संबंध इससे आगे नहीं थे ।
खबरों में बताया गया कि इटली के जांचकर्ताओं ने इटली की अदालत में पेश प्रारंभिक जांच में आरोप लगाए कि फिनमेक्कनिका ने वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे को अपनी कम्पनी के पक्ष में करने के लिए तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी को रिश्वत दी ।
विवादास्पद सौदे के सिलसिले में कल इटली में फिनमेक्कनिका के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद रक्षा मंत्रालय ने आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे । हेलीकाप्टर सौदे को अपने पक्ष में करने के लिए इटली की कंपनी द्वारा रिश्वत देने के आरोपों पर त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं झंझावातों का सामना कर रहा हूं।’’ भारत के वीवीआईपी के लिए हेलीकाप्टर सौदे में भारत में करीब 362 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के संदेह में इटली की विमानन कंपनी के प्रमुख की गिरफ्तारी से एक और घोटाले का पर्दाफाश हुआ जिससे सरकार ने सीबीआई की जांच के आदेश दिए।
रक्षा मंत्रालय ने 12 में से शेष नौ हेलीकॉप्टर लेने से भी मना कर दिया है जिसके लिए वर्ष 2010 में 3600 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था ।
इटली की संवाद समिति अन्सा ने कहा, ‘‘इटली की रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी फिनमेक्कनिका के प्रमुख गुईसेपे ओरसी को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था । फिनमेक्कनिका की सहायक कम्पनी अगस्टावेस्टलैंड द्वारा बनाई गई 12 हेलीकॉप्टरों को भारत सरकार को बेचेन के लिए वह रिश्वत देने के मामले में संदिग्ध हैं । सौदे की जांच का समर्थन करते हुए त्यागी ने कहा, ‘‘कुछ गड़बड़ तो है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब 2004 में मैं वायु सेना प्रमुख बना और 2007 में सेवानिवृत्त हुआ तो इस दौरान कोई बदलाव नहीं किए गए ।’’ उन्होंने कहा कि मेरी सूचना के मुताबिक कुछ नहीं किया गया जिससे संदेह होता है । लेकिन यह सच है कि अगर इतनी सारी रिपोर्ट हैं तो इसमें कुछ तो है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 12:33