जब तक पीएम इस्तीफा नहीं देंगे तब तक संसद नहीं चलने देंगे: भाजपा

जब तक पीएम इस्तीफा नहीं देंगे तब तक संसद नहीं चलने देंगे: भाजपा

जब तक पीएम इस्तीफा नहीं देंगे तब तक संसद नहीं चलने देंगे: भाजपानई दिल्ली : कोयला खंडों के आवंटन में कोई घाटा नहीं होने की सरकार की दलील को सिरे से खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज स्पष्ट किया कि जबतक प्रधानमंत्री के इस्तीफे की उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वह संसद चलने देने के मूड में नहीं है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी बहस चल रही है लेकिन संसद में यह नहीं हो रही। हमारी रणनीति इस बात की इजाजत नहीं देती कि हम बिना किसी जवाबदेही के सरकार को इस बहस को निबटाने के लिए संसद का इस्तेमाल करने दे । उन्होंने कहा, कई ऐसे अवसर होते हैं जब संसद में व्यावधान से देश को बड़ा फायदा होता है। जेटली ने चिदम्बरम के कल के इस बयान को खारिज कर दिया कि कोयला खंडों के आवंटन में कोई घाटा हो ही नहीं सकता क्योंकि कई मामलों में खनन नहीं हुआ।

जेटली ने कहा, कपिल सिब्बल ने टू जी स्पेक्ट्रम मामले में शून्य घाटा का सिद्धांत दिया था, यह उनके लिए तीखा अनुभव था। उन्हें अपने शब्द निगलने पड़े। वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने सिब्बल के तीखे अनुभव से कोई सबक नहीं ली है और उन्होंने फिर उसी राह को आजमाने की कोशिश की है। भाजपा ने कहा कि कोयला खंडों के आवंटन होने के बाद इन 142 खंडों के दाम आसमान छूने लगे।

जेटली ने कहा, एक बार कोयला खंड निजी पक्षों को आवंटित हो जाते तो खनन का अधिकार आवंटी के पास चला जाता है न कि सरकार के पास रह जाता है। वास्तव में खनन नहीं हो भी तब भी सरकार का इन खानों पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि आय की भारी संभावना सरकार ने खो दी। उन्होंने कोई घाटा नहीं होने के चिदम्बरम के सिद्धांत को ‘बेतुका’ बताया।

उन्होंने कहा, जिस अवसर का सरकार दोहन कर सकती थी, अब निजी कंपनियों के हाथों में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन कोयला खंडो को औने पौने दाम में दे दिया।

जेटली ने कहा कि सरकार पर लगातार निजी पक्षों को अप्रत्याशित लाभ पहुंचाने और उसी के साथ स्वयं को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं और इस घाटे की बात की कैग जैसे निकायों ने बार बार पुष्टि की है। भाजपा नेता ने चिदम्बरम के शब्द ही उन पर निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए। उन्होंने कहा, पृथ्वी माता के गर्भ में स्थित कोयला अब श्री चिदम्बरम की सरकार का नहीं है बल्कि 142 कंपनियों का है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री अब भी यदि विश्वास करते हैं कि कोई घाटा नहीं हुआ है तब वह भारत के सार्वजनिक खजाने के सबसे अच्छे संरक्षक नहीं हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, यह मानने के बजाय कि सरकार ने भयंकर गलती की है, देश को गुमराह करने के लिए इस प्रकार के कमजोर तर्क ढूढ़े जा रहे हैं। क्या इस तरह के तर्क वह संकेत है जिसपर वह संसदीय बहस चाहते हैं। और तब फिर ऐसे तर्क से लोक लेखा समिति को ठप्प कर दिया ताकि सचाई कभी सामने नहीं आ पाए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी संसद में इस लड़ाई में अलग थलग पड़ गयी है, भाजपा नेता ने कहा कि संप्रग के सहयोगी समेत सभी दलों को अब यह तय करना होगा कि इतने बड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ इस बड़ी लड़ाई में वे किस तरफ हैं। जो चुप्पी साध लंेगे वे इस घोटाले में शामिल लोगों की तुलना में देश को कहीं ज्यादा नुकसान करेंगे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि बार बार शून्य घाटे के सिद्धांत देने वालों को अब अहसास कर लेना चाहिए कि संप्रग लोगों का विश्वास खो रहा है। यदि वे इस तरह की नीतियों पर बढ़ते रहेंगे तब इस तरह के प्रदर्शन के साथ संप्रग का सत्ता में बना रहना भी शून्य हो जाएगा।

जेटली ने कहा कि सरकार ने बिजली उत्पादन तेज करने के कथित उद्देश्य से कोयला खानों का आवंटन किया था लेकिन पांच साल बाद भी किसी ने एक किलोग्राम कोयला भी नहीं निकाला। उन्होंने कहा, सरकार की रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है। संप्रग सरकार विश्वास करती है कि लोगों को गुमराह करना आसान है और उसकी पूरी रणनीति इस विश्वास पर आधारित है कि यदि आप असत्य को बार बार दुहरायेंगे तब शायद आप लोगों को बेवकूफ बनाने में सफल हो जाएं। दुष्प्रचार कभी भी सचाई का विकल्प नहीं है। संसद बाधित करने का बचाव करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जब विपक्ष ने वर्ष 2010 में टू जी स्पेक्ट्रम मुद्दे पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के गठन की मांग को लेकर पूरा शीतकालीन सत्र नहीं चलने दिया तब उससे देश को फायदा हुआ।

इन फायदों को गिनाते हुए जेटली ने कहा कि तब तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा को इस्तीफा देना पड़ा, जेपीसी गठित हुई, इस घोटाले में आरोपपत्र दायर किया गया, थ्री जी स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया जिससे देश को बड़ा फायदा हुआ और 14000 करोड़ रूपए के आधार मूल्य पर टू जी स्पेक्ट्रम का पुनर्निलामी हुई जबकि उससे पहले यह केवल 1658 करोड़ रूपए में दे दिया गया था। भाजपा खनन नहीं होने पर नुकसान नहीं होने की चिदम्बरम की दलील को नकार दिया।

जेटली ने कहा, यदि कोई अवैध रूप से चिदम्बरम के बैंक खाते से धन उड़ा लेने और उसे अपने खाते में डाल लेने वाला हो, तो वह तबतक शिकायत नहीं कर सकते जबकि वह व्यक्ति बैंक से धन निकाल न ले। स्पष्ट है जब ही उनका अपने धन पर नियंत्रण नहीं रहा तब ही उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 25, 2012, 20:17

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