जयपाल को हटाने के लिए औद्योगिक घरानों का दबाव था?

जयपाल को हटाने के लिए औद्योगिक घरानों का दबाव था?

जयपाल को हटाने के लिए औद्योगिक घरानों का दबाव था?नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल ने एस. जयपाल रेड्डी के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय में तबादले के सरकार के फैसले पर सोमवार को सवाल उठाया।

केजरीवाल ने कहा कि जयपाल रेड्डी को ईमानदार व्यक्ति माना जाता है, फिर भी उन्हें हटाया दिया गया। सलमान खुर्शीद जो भ्रष्टाचार के आरोपों में बेनकाब हो चुके हैं, उन्हें सरकार ने प्रोन्नत किया है।

केजरीवाल कुछ ही दिन पहले खुर्शीद के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे। खुर्शीद उस समय कानून मंत्री थे। आरोप है कि खुर्शीद और उनकी पत्नी द्वारा संचालित ट्रस्ट ने केंद्र से मिले 71.50 लाख रुपये के अनुदान का गबन किया।

खुर्शीद को प्रोन्नति देने के लिए सरकार की निंदा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि सरकार यह संदेश दे रही है कि भ्रष्ट लोग पुरस्कृत किए जाएंगे और ईमानदार लोगों की पदावनति होगी।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में रविवार को हुए फेरबदल में रेड्डी को महत्वपूर्ण माने जाने वाले पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया गया और पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी एम. वीरप्पा मोइली को सौंप दी गई।

वहीं, खुर्शीद को कानून मंत्री से प्रोन्नत कर विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने भी रेड्डी का विभाग बदले जाने पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्पष्ट करें कि जयपाल रेड्डी को महत्वपूर्ण विभाग से हटाकर मामूली महत्वहीन विभाग क्यों दिया गया, क्या उन पर औद्योगिक घरानों का दबाव था?" (एजेंसी)

First Published: Monday, October 29, 2012, 15:53

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