Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 04:36
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के सात जिलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन में हो रही कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने राज्य की मुख्यमंत्री मायावती को एक नया पत्र लिखा है। पत्र में रमेश ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है।
चौदह पन्नों के इस पत्र में रमेश ने बलरामपुर, गोंडा, महोबा, सोनभद्र, कुशीनगर, मिर्जापुर और संत कबीर नगर जिलों में मनरेगा के क्रियान्वयन में हो रही कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों का उदाहरण दिया है।
दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने की बात कहते हुए रमेश ने पत्र में कहा, ‘अगर राज्य सरकार ईमानदारीपूर्वक कार्रवाई करना चाहती है और लोगों के बीच यह संदेश देना चाहती है कि वह उन लोगों को नहीं बचाना चाहती है जिन्होंने इस योजना के फंडों को लूटा है तो मुझे लगता है कि आपको इन जिलों में सीबीआई जांच के लिए कहना चाहिए।’
रमेश ने यह पत्र 14 नवंबर को लिखा था। गौरतलब है कि इसी दिन कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान की शुरआत की थी। मनरेगा में अनियमितताओं को लेकर रमेश द्वारा मायावती को लिखा गया यह दूसरा पत्र है।
रमेश ने कहा कि अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपनी 19 महीने पुरानी घोषणा के बावजूद मायावती ने अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
उदाहरणों के हवाले से रमेश ने कहा कि गोंडा के मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके निलंबन की घोषणा तो की गई थी लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस पर कार्रवाई हुई या नहीं।
रमेश ने कहा, ‘अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच कराने से यह संकेत जाएगा कि जो सरकार में शीषर्स्थल पर हैं वे भ्रष्टाचार के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर प्रतिबद्ध हैं।’ रमेश द्वारा इससे पहले लिखे गए पत्र को मायावती ने राजनीति से प्रेरित बताया था।
First Published: Friday, November 18, 2011, 09:57