जर्मन पर्यटक की वापसी सही: चिदंबरम - Zee News हिंदी

जर्मन पर्यटक की वापसी सही: चिदंबरम



नई दिल्ली  : कुडनकुलम परियोजना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल होने को लेकर जिस जर्मन पर्यटक पर संदेह किया गया, उसे स्वदेश इसलिए भेजा गया क्योंकि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो उसके पर्यटक वीजा के अनुरूप नहीं थीं।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा,  जर्मन नागरिक (सोन्नटेग रीनर हरमैन) पर्यटक वीजा पर भारत आता रहा है। वह पूर्व में भी आया है, वह पर्यटक है।  उन्होंने कहा कि उसका (हरमैन का) आचरण पर्यटकों वाला होना चाहिए था लेकिन हमें इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिल गये कि वह प्रदर्शनों में शामिल हुआ। उसके खिलाफ गृह मंत्रालय ने ‘ लुकआउट नोटिस’ जारी किया था। उसके बावजूद वह पर्यटक वीजा पर भारत आ गया।

 

चिदंबरम ने कहा कि भारत आने के बाद उसका पता लगा कि वह कहां पर रूका हुआ है। उसे 28 फरवरी को फ्रेंकफर्ट की उडान से वापस उसके देश भेज दिया गया। वह ऐसी गतिविधियों में शामिल था, जो अर्ध राजनीतिक एवं प्रदर्शन की थीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद भी वह भारत आने में कैसे सफल हुआ।

 

क्या अब वह फिर भारत आ सकेगा, इस सवाल पर चिंदबरम ने कहा कि वह भारत में फिर से प्रवेश नहीं कर सकेगा क्योंकि उसे वीजा ही नहीं मिलेगा। तमिलनाडु पुलिस ने इस जर्मन नागरिक को हिरासत में लिया था। नागरकोइल में पकडे गये हरमैन पर आरोप है कि उसने प्रदर्शनकारियों की कथित रूप से मदद की।

 

हरमैन पर्यटक वीजा पर भारत आया था लेकिन वह वीजा नियमों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहा था, जिसके बाद उसके खिलाफ ‘ लुकआउट नोटिस’ जारी हुआ। एक अधिकारी ने कहा, हरमैन का नागरकोइल में कोई काम नहीं था। उसने वीजा के सभी नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए हमने उसे वापस उसके देश भेज दिया।

 

एनजीओ ने धन अन्यत्र खर्च किया: चिदंबरम

चार गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को धन देने के आरोपों के बारे में केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि इन एनजीओ ने धन अन्यत्र खर्च किया है।

 

यह पूछने पर कि जिन चार एनजीओ के खिलाफ केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मामले दर्ज करने के लिए कहा है, उनके नाम क्या हैं, चिदंबरम ने कहा, इस समय एनजीओ के नाम लेना उचित नहीं होगा। दो मामले सीबीआई से और दो मामले राज्य पुलिस को दर्ज करने के लिए कहा गया है।

 

उन्होंने कहा कि इन एनजीओ के खातों की जांच और अन्य निरीक्षण में पाया गया कि वे धर्मार्थ कायो’ के लिए दिये जाने वाले धन को अन्यत्र खर्च कर रहे हैं इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा गया।
चिदंबरम ने कहा,  ये धन किन लोगों को दिया और कैसे दिया, यह तो जांच के बाद ही पता लगेगा।  उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है इसलिए पुलिस और सीबीआई से चार एनजीओ के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा गया।

 

यह पूछने पर कि क्या इन एनजीओ ने कुडनकुलम परियोजना के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को धन दिया, चिदंबरम ने कहा, मैंने कुडनकुलम के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा है। प्रारंभिक जांच से ऐसा लगता है कि इन एनजीओ ने धन को अन्यत्र खर्च किया। आगे जांच से पता चलेगा कि धन कहां खर्च किया गया। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि केवल चार ही एनजीओ के खातों की जांच करायी गयी, कई और एनजीओ के खातों की जांच करायी जा रही है। हो सकता है कि कई और ऐसे एनजीओ हों, जिन्होंने धन अन्यत्र खर्च किया। गृह मंत्री से जब दोबारा पूछा गया कि इन एनजीओ का धन कहां गया, तो उनका जवाब था, मुझे नहीं पता कि धन कहां गया।

 

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने चार एनजीओ के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा है। अन्य मामले भी हो सकते हैं और यदि अन्य एनजीओ को ऐसा करते पाया गया तो उनके खिलाफ भी विदेशी योगदान नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 

इस सवाल पर कि सीबीआई और पुलिस को अलग अलग मामले दर्ज करने के लिए क्यों कहा गया, चिदंबरम ने कहा कि यदि कोई एनजीओ बडी रकम अन्यत्र खर्च करता है तो मामला सीबीआई दायर करती है और यदि रकम छोटी होती है तो पुलिस दर्ज करती है।  (एजेंसी)

 

 

 

First Published: Wednesday, February 29, 2012, 18:53

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