जहरीली शराब से अब तक 148 मरे, दस गिरफ्तार - Zee News हिंदी

जहरीली शराब से अब तक 148 मरे, दस गिरफ्तार



ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

कैनिंग/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में जहरीली शराब पीने के चलते तीन अस्पतालों में 70 से अधिक लोगों की मौत होने पर इस घटना में मृतकों की संख्या गुरुवार को 148 पहुंच गई। इस सिलसिले में गुरुवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

 

इस बीच, पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया और सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है क्योंकि जहरीली शराब पीने के बाद कम से कम 50 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

 

दक्षिण 24 परगना जिला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (स्वास्थ्य)  शिखा अधिकारी ने डायमंड हार्बर ने संवाददाताओं को बताया कि जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 143 हो गई है और 100 से अधिक लोग तीन विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से कई लोग अपनी मौत से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम से कम 50 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

 

सीएमओ (स्वास्थ्य) ने बताया कि 327 लोगों को डायमंड हार्बर सब डिवीजन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से 36 को मृत हालत में वहां पहुंचाया गया जबकि 70 लोगों की बाद में मौत हो गई और 56 लोगों को कोलकाता स्थित सरकारी एमआर बांगुर अस्पताल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि 56 में से 19 लोगों की एमआर बांगुर अस्पताल में मौत हो गई जबकि छह लोगों की नेशनल मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में मौत हो गई।

 

मृतकों में ज्यादातर मजदूर, रिक्शा चालक और फेरी लगाने वाले लोग शामिल हैं। जहरीली शराब पीने पर कल सुबह से ही वे बीमार पड़ने लगे थे। सीएमओ ने बताया कि जहरीली शराब पीने पर कई लोग अभी भी मौत से जूझ रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में इस घटना की सीआईडी जांच की घोषणा करते हुए कहा कि प्रारंभिक प्रशासनिक जांच के आधार पर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शराब में कुछ जहरीली चीज मिला दी गई थी और एफआईआर में नामजद शराब अड्डा के मालिक बादशाह खोकोन फरार है।
चिकित्सकों ने बताया कि अधिकतर पीड़ितों ने पेट में दर्द, उल्टी होने, सीने में दर्द और शरीर में दर्द की शिकायत की।

 

पुलिस ने बताया कि 107 शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है और शव पीड़ितों के परिवारों को सौंप दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि घटना की प्राथमिक जांच के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ममता ने कहा कि कहा कि नकली शराब का धंधा राज्य में काफी लंबे समय से चल रहा है। यह एक सामाजिक समस्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली शराब विक्रेता अगर यह धंधा बंद कर दें तो राज्य सरकार उन्हें चाय या फल की दुकानें खोलने में मदद करेगी।

 

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ मिलकर नकली शराब जैसी समस्या के खात्मे के लिए उपाय किए जाएंगे। ममता ने कहा कि सरकार इस धंधे को कानूनी वैधता प्रदान कर सकती थी और पैसों की कमी से जूझ रहे राजकोष के लिए इससे राजस्व कमाया जा सकता था लेकिन वह ऐसा नहीं करेगी क्योंकि पैसों से चरित्र का निर्माण नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने 19 दिसंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसे विधानसभा के अध्यक्ष विमान बंधोपाध्याय ने स्वीकार कर लिया। राज्य सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए दो लाख रुपयों के मुआवजे की घोषणा कर चुकी है।

 

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में राज्य के गार्डनरीच में इसी तरह की एक घटना में 40 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 2009 में किद्दरपुर में 28 अन्य लोगों की नकली शराब पीने से मौत हो गई थी।

First Published: Friday, December 16, 2011, 09:24

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