Last Updated: Sunday, November 20, 2011, 15:37

नई दिल्ली : जमानत पर रिहा गुजरात के निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को अब भी अपनी जान का खतरा है और उनका कहना है कि गुजरात नफरत की राजनीति की प्रयोगशाला बन गया है क्योंकि लोगों ने नरेन्द्र मोदी की सरकार को चुना क्योंकि वे इसी के लायक हैं। गुजरात में भाजपा की सरकार के निशाने पर खुद के होने का दावा करने वाले भट्ट ने कहा कि 2002 में हुआ गोधरा का दंगा इतिहास में ऐसा मामला है जिसके सबसे ज्यादा सबूत मौजूद हैं।
मानवाधिकार सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि मेरी जान को खतरा है, लेकिन मैं इससे अपना रास्ता नहीं बदल दूंगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश के हर नागरिक की जान की सुरक्षा करे। भट्ट को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपने कनिष्ठ अधिकारी के डी पंत के जरिए एक फर्जी हलफनामे के माध्यम से 2002 के दंगों में फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 20, 2011, 21:07