Last Updated: Sunday, December 2, 2012, 15:09
नई दिल्ली : किसी व्यक्ति द्वारा जारी चेक यदि इस आधार पर खारिज हो जाता है कि उसके दस्तखत बैंक के पास उपलब्ध उसके हस्ताक्षर से नहीं मिलते हैं तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है।
न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर तथा न्यूायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि चेक के खारिज होने के मामले में आपराधिक मामला तभी चलाया जा सकता है जबकि चेक जारी करने वाले के खाते में उतनी राशि न हो। हस्ताक्षर न मिलने के मामले में आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता।
शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि इस तरह के मामलों में बैंक द्वारा चेक लौटाने पर खाताधारक को नोटिस दिया जाना चाहिए और उसके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे राशि का प्रबंध करने का मौका दिया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 2, 2012, 15:09