जालसाजी में फंसे विदेश मंत्रालय के 3 अफसर

जालसाजी में फंसे विदेश मंत्रालय के 3 अफसर

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस को अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज पेश करने में कथित भूमिका के सिलसिले में विदेश मंत्रालय के तीन अधिकारियों और दो महिलाओं सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नाविता कुमारी बाघा ने तिलक मार्ग थाने के प्रभारी को दिल्ली निवासी सतवंत सिंह दहिया की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।

शिकायतकर्ता चाहता है कि उसकी सौतेली मां, बेटी और दामाद के साथ ही विदेश मंत्रालय के तीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाये। उसका कहना है कि इस साजिश में कुछ अज्ञात व्यक्ति भी शामिल हैं। अदालत ने पुलिस को आरोपों की जांच कर 16 जुलाई को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने कहा कि पुलिस प्रारंभिक जांच के सहारे निर्थक आधार पर या फिर सूचना की विश्वसनीयता के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार नहीं कर सकती है। अदालत ने कहा कि इस मामले में रिकार्ड में उपलब्ध सामग्री से पहली नजर में ही संज्ञेय अपराध का पता चलता है और इसलिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत शिकायतकर्ता की अर्जी स्वीकार करके थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की ठीक से तफतीश करके 16 जुलाई को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है।

दहिया का आरोप है कि बंटवारे के मुकदमें में उसकी सौतेली मां शकुंतला दहिया ने तोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में 6 अगस्त, 2008 को बनी विशेष पावर ऑफ अटार्नी दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की थी।

उनका कहना था कि शकुंतला देवी की यह पावर आफ अटार्नी दूतावास में अधिकारी मनोज कुमार की उपस्थिति में बनी थी और इस पर दो अन्य अधिकारियों पी के गौतम तथा जी अनिल कुमार की गवाही थी। उसका यह भी आरोप है कि इस पावर आफ अटार्नी में दूतावास के इन तीन अधिकारियों ने शकुंतला देवी के दस्तावेज का सत्यापन ही नहीं किया बल्कि इस बात की पुष्टि और पहचान भी की कि वह भारतीय पासपोर्ट धारक हैं जो 29 नवंबर, 2004 को भारतीय दूतावास ने जकार्ता में जारी किया था। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 14, 2013, 11:39

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