Last Updated: Friday, September 23, 2011, 10:57
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली.पटौदी के आठवें और आखिरी नवाव के रूप में पांच जनवरी 1941 को भोपाल के नवाब परिवार में मंसूर अली खान पटौदी का जन्म हुआ था. पिता इफ्तिखार अली खां पटौदी भी क्रिकेट खिलाड़ी थे तथा उनकी मां सजीदा सुल्तान भोपाल के अंतिम नवाब की बेटी थी.
शुरू से हीं उन्होंने चुनौतियों का सामना किया. 11 वर्ष की उम्र में जूनियर पटौदी ने जन्मदिन पर अपने पिता इफ्तिखार अली खां पटौदी को खो दिया.
1961 में जब पटौदी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू किया तो एक कार दुर्घटना में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई. मगर इसके बाद भी उन्होंने जबरदस्त जोश से क्रिकेट खेलना जारी रखा.
टाइगर के नाम से मशहूर पटौदी की क्रिकेट की कहानी देहरादून के वेल्हम स्कूल से शुरू हुई. चार साल बाद ही अखबारों में उनका नाम छपा जब विनचेस्टर की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया.
यह महज संयोग था कि नियमित कप्तान नारी कांट्रैक्टर चोटिल हो गए तो 21 वर्ष के पटौदी को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई. उस समय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी. पटौदी 21 साल 77 दिन में कप्तान बने थे. जिम्बाब्वे के तातैंडा तायबू ने 2004 में यह रिकार्ड अपने नाम कर लिया.
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने 1993 से 1996 तक आईसीसी मैच रेफरी की भूमिका भी निभाई. 1968 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर से नवाजा गया. 1964 में अर्जुन अवार्ड और 1967 में पद्मश्री से उन्हें अंलकृत किया गया. 23 जनवरी 1975 को वेस्टइंडीज के खिलाफ पटौदी ने कैरियर का अंतिम टेस्ट मुंबई में खेला.

एक सफल खिलाड़ी बनने के बाद पटौदी ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी करने का फैसला 25 जुलाई, 1966 को लंदन में लिया था. शर्मिला से उनकी पहली मुलाकात उनके कोलकाता स्थित घर पर अपने एक मित्र के साथ एक कार्यक्रम में हुआ था. दोनों की शादी 27 दिसंबर, 1967 को बाल्व डेर स्टेट कोलकाता में हुई थी. इनके मंगनी में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और इंदिरा गांधी भी शामिल हुईं थीं. मुस्लिम होने के नाते एक बंगाली लड़की से शादी करना भी उनके लिए एक चुनौती रहा.
उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया. विधानसभा का पहला चुनाव उन्होंने 1971 में पटौदी स्टेट, गुडग़ांव से लड़ा, लेकिन यहां उन्हें शिकस्त मिली. फिर 1991 में उन्होंने भोपाल से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा तो भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा से हार गए. इस चुनाव में खुद पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था.
क्रिकेट के लिए वो हमेशा समर्पित रहे. 2007 से बीसीसीआई के सलाहकार रहने से पहले वह टीवी कॉमेंट्रेटर की भूमिका भी निभा चुके हैं.
उनके सम्मान में 2007 से इंग्लैंड-भारत के बीच पटौदी ट्रॉफी के लिए टेस्ट सीरीज खेली जाती है. भारत- इंग्लैंड के बीच पिछले दिनों खत्म हुई सीरीज में इंग्लैंड को सीरीज 4-0 से जीतने पर पटौदी की उपस्थिति में कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस को यह ट्रॉफी दी गई थी.
गुरूवार 22 सितंबर 2011 को मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें एक जोशीला क्रिकेट खिलाड़ी और साहसी कप्तान बताया.
70 वर्षीय पटौदी का फेफड़े के संक्रमण से जूझने के बाद दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हुआ. उनके परिवार में पत्नी शर्मिला टैगोर और बेटे सैफ अली खान के अलावा बेटी सोहा अली खान और सबा अली खान हैं.
First Published: Friday, September 23, 2011, 17:09