Last Updated: Tuesday, November 1, 2011, 09:53
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फ्रांस के कान शहर में विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जी-20) की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को प्रस्थान करेंगे। इस सम्मेलन में भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि में गिरावट के इस दौर में देशों से व्यापार संरक्षणवाद की प्रवृत्तियों को बढ़ने से रोकने की अपील कर सकता है।
जी-20 बैठकों का सिलसिला 2008 के वैश्विक ऋण संकट के बीच शुरू हुआ था। पहली बैठक 2008 के उत्तरार्ध में अमेरिका में हुई थी। तब से छठी बार जी-20 सम्मेलन में भाग लेने जा रहे सिंह काले धन पर लगाम लगाने के लिए कर और बैंकिंग सूचनाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान की व्यवस्था के एजेंडा पर ठोस निर्णय के लिए भी जोर दे सकते हैं।
भारत यह भी चाहता है कि जी-20 देश कर चोरी के रास्ते बंद करने के लिए नए उपाय लागू करें। विश्व अर्थव्यवस्था में जी-20 का योगदान 85 फीसदी है। ये अर्थव्यवस्थाएं करीब दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधत्व करती है। जी-20 शिखर सम्मेलन दो दिन चलेगा। सम्मेलन के लिए समूह के शीर्ष नेता इस समुद्रतटीय शहर में एकत्रित होंगे। यह स्थल विश्व भर में प्रतिष्ठित कान फिल्म समारोह के लिए मशहूर है।
कान सम्मेलन में वैश्विक मंदी के भय को दूर करने के उपायों पर कुछ सहमति होने की उम्मीद है। सिंह शनिवार रात वापस लौटने वाले हैं। इस बार सम्मेलन में यूरोपीय संघ के साझा मुद्रा वाले क्षेत्र के देशों के पास कर्ज चुकाने के लिए धनाभाव की सम्मस्या से जुड़े मुद्दे छाए रह सकते हैं।
यूरोपीय संघ के 17 देशों वाले यूरो क्षेत्र के नेताओं ने हाल में ही एक नए राहत समझौते पर सहमति जताई है जो वैश्विक आर्थिक हालात में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी की मेजबानी में हो रहे इस सम्मेलन में आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय स्थिति को फिर से ठीक करने के बारे में जी-20 के सभी सदस्यों से प्रतिबद्धता की मांग की जा सकती है।
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन और चीन के राष्ट्रपति हू चिंताओं समेत विश्व के प्रमुख नेता शामिल होंगे। उम्मीद है कि सिंह जी-20 में मौजूदा आर्थिक अस्थिरता से निपटने और व्यापार खोलने, रोजगार की स्थिति, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक विकास के मुद्दों पर लिए ठोस कदम उठाने की अपील करेंगे।
वाशिंगटन, लंदन, पिट्सबर्ग, टोरंटो और सियोल में हुए पांच सम्मेलनों की तरह कान सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री के सहयोग के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया उनके साथ वहां जा रहे हैं। अहलूवालिया ने कहा ‘इस साल, जी-20 ऐसा मंच नहीं है जिसमें भारत के बारे कुछ खास होगा। यह सालाना समारोह है और इसमें वैविश्क अर्थव्यवस्था का प्रबंधन और यूरो क्षेत्र के संकट के प्रबंधन से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहेंगे।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 1, 2011, 15:24