जीत के जश्न में डूबा देश - Zee News हिंदी

जीत के जश्न में डूबा देश

नई दिल्ली. रविवार सुबह अन्ना हजारे जैसे ही अपना अनशन तोड़ने के लिए मंच पर आए, रामलीला मैदान में जश्न में डूबे जनसैलाब ने उन्हें बधाई दी.

गांधीवादी नेता सफेद धोती-कुर्ता और गांधी टोपी पहने अपने तंबू से निकलकर सुबह नौ साढ़े नौ बजे पर मंच पर आए और समूचा वातावरण भारत माता की जय तथा वंदेमातरम के गगनभेदी नारों से गूंज उठा.

रामलीला मैदान में अन्ना का अनशन टूटने के ऐतिहासिक क्षणों का गवाह बनने आए जनसैलाब ने हजारे को बधाई दी. सरकार के मांग मान लेने पर सहमत होने के बाद अन्ना ने दिल्ली की दो  बच्चियों सिमरन और इकरा के हाथों से नारियल पानी और शहद पीकर 12 दिन से चला आ रहा अपना अनशन तोड़ दिया.

इधर देर रात से ही पूरा देश जश्न में डूब गया. जगह-जगह आतिशबाजी से दीवाली सा नजारा था, तो उड़ते गुलाल ने होली के रंग भर दिए. रात में पुरजोश नारों के साथ लोग तिरंगा और मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर उतर आए.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का झूलेलाल में अनशन पर बैठे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पूरा पार्क  जैसो झूम रहा था. अन्ना ने जब दिल्ली की रामलीला मैदान से संबोधन शुरू किया तो अनशनकारियों में जोश भर गया. हाथों में तिरंगा लेकर जीपीओ पर अन्ना के समर्थकों की भीड़ जुट गई. भारत माता की जय, वंदेमातरम के उद्घोष से सारा वातावरण गूंज उठा. युवाओं ने मिठाई बांटकर खुशियां बांटी. टोलियों में युवा पूरे शहर में घूमे और शहर के हर प्रमुख चौराहे पर आतिशबाजी की गई और मिठाई का वितरण हुआ.

कई जगहों पर मोटरसाइकिल और मोमबत्ती जुलूस निकाला गया. कानपुर और आसपास के जिलों में पूरे दिन चली बाजार बंदी व आंदोलन के बाद सायंकाल जब रामलीला मैदान के मंच से अन्ना ने अगले दिन दस बजे अनशन तोड़ने की घोषणा की तो एकाएक वंदेमातरम व अन्ना हजारे जिंदाबाद के उद्घोष और तेज हो गए.   

वहीं अन्ना हजारे के आंदोलन के समर्थन में शनिवार को भी बिहार के विभिन्न जिलों में धरना-प्रदर्शन, अनशन तथा शांति मार्च का दौर जारी रहा. देर शाम संसद में जन लोकपाल बिल पर चर्चा की खबर फैलते ही लोगों ने अपनी कामयाबी का जश्न भी मनाया. कारगिल चौक पर जमा होकर युवाओं ने 'हम होंगे कामयाब, गीत गाकर खुशी का इजहार किया और पटाखे छोड़े. प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार से खुशी मनाए जाने की सूचना है.

ऐसा नहीं था कि लोग सिर्फ सड़कों पर नजर आ रहे थे. मंदिरों का शहर जम्मू भी अन्ना की जीत पर खुशी से झूम उठा. त्रिकुटा नगर में महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला और भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की जीत का जश्न मनाया. उत्तराखंड के कई शहर आतिशबाजी से चकाचौंध रहे. राजधानी देहरादून सहित अन्य शहरों की सड़कों पर तिरंगे लहराते हुए लोगों ने खूब जश्न मनाया. ढोल की थाप पर खूब नाचे और आतिशबाजी की.

झारखंड की राजधानी रांची का अल्बर्ट एक्का चौक रोशनी से नहा गया. विभिन्न संगठनों ने जमकर पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी. दिन भर धरना-प्रदर्शन से गुलजार रहने वाला चौक रात्रि में भी गुलजार हो उठा. उत्साही सामाजिक कार्यकर्ता तिरंगा लहरा रहे थे. भारत माता की जय के जयकारे लगा रहे थे.

देश के जश्न में उत्तर बंगाल का प्रमुख शहर सिलीगुड़ी- अन्ना नहीं आंधी है जैसे नारों से गूंज गया. रात में लोग तिरंगा लिए सड़कों पर आ गए. ऐसा ही दार्जिलिंग, सिक्किम और असम में भी देखने को मिला.

पंजाब में गुरु नगरी अमृतसर में जनलोकपाल बिल की जीत की खुशी में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष राजेश हनी के साथ भाजपाइयों ने रैली निकाली. अन्ना के साथ ही लुधियाना में बारह दिन से आमरण अनशन पर बैठे 78 वर्षीय सूरत सिंह ने भी रात ग्यारह बजे अनशन तोड़ दिया. वहीं हरियाणा के करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, फरीदाबाद, कैथल, गुड़गांव में लोग सड़कों पर देर रात तक जश्न मनाते रहे. रोहतक में मदवि और पीजीआइ स्थित मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने आतिशबाजी के साथ जीत का जश्न मनाया. गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और देवीलाल विश्वविद्यालय में संसद में अन्ना की मांगें मान लेने के साथ ही विद्यार्थियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया जो देर रात तक जारी रहा.

राजस्थान में तो माहौल होली जैसा हो गया.  अन्ना की तीन मांगे संसद ने सिद्धांतत: स्वीकार ली और प्रस्ताव पारित कर दिया गया, बीकानेर में यह जानकारी मिलते ही आतिशबाजी के साथ लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई भी देने लग गए.

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित उनके गांव रालेगांव सिद्धि में अपना अनशन समाप्त किए जाने की घोषणा का समाचार जैसे ही पहुंचा, वहां खुशी की लहर दौड़ गई. अन्ना के एक निकट सहयोगी ने कहा, 'हम अन्ना की जीत का जश्न मना रहे हैं. हम जानते हैं कि अन्ना अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे.' अन्ना की भाभी कांताबाई ने कहा, 'अन्ना अपने इरादे पर बहुत दृढ़ रहते हैं और कोई उनके इरादे को बदल नहीं सकता है. यह अन्ना पर निर्भर था कि वह अपना अनशन कब समाप्त करेंगे. '

अनशन तोड़ने की खबर पहुंचने से पहले शनिवार को दिन में अन्ना के समर्थकों ने पुणे-अहमदनगर हाईवे को जाम कर दिया. जाम में फंसे कुछ वाहनों के मालिक भी अन्ना के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए लोगों के साथ आ गए.

First Published: Sunday, August 28, 2011, 12:55

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