Last Updated: Thursday, July 12, 2012, 22:55

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : मुंबई हमले का साजिशकर्ता और लश्कर आतंकी अबु जुंदाल पर एक बार फिर नया खुलासा हुआ है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जुंदाल को भारत सौंपे जाने से पहले अमेरिका ने उससे पूछताछ की थी। यह पूछताछ नौ दिनों तक चली थी जो अमेरिकी एजेंसियों ने की थी। 9 दिन तक पूछताछ करने के बाद जिंदाल को भारत सौंपा गया।
इससे पहले अबु जुंदाल ने गुरुवार को जांच एजेंसियों के समक्ष फिर एक नया सनसनीखेज खुलासा किया था। सूत्रों के अनुसार, जुंदाल ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के सामने अब यह राज खोला है कि शीर्ष रैंक के पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी लगातार सीमा पार सक्रिय आतंकी संगठनों की मदद करते हैं। इन खुलासों से पाक की भूमिका बेनकाब होती जा रही है और भारत के दावे को पूरा बल मिला है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लश्कर के इस आतंकी ने जांचकर्ताओं को कहा है कि पाक उच्चायोग में तैनात शीर्ष स्तर के अधिकारी और खुफिया एजेंसी आईएसआई बेरोक-टोक भारत के खिलाफ अपनी योजना को अंजाम देने में सक्रिय आतंकी संगठनों को मदद करते रहते हैं। जुंदाल ने दावा किया कि उसे साल 2005 में पाक उच्चायोग के कुछ शीर्ष उच्च अधिकारी उसे लेकर नेपाल की राजधानी काठमांडू गए और फिर 2007 में बांग्लादेश लेकर गए।
गौर हो कि पहले भी जुंदाल ने पूछताछ में कबूला था कि आईएसआई के अफसर ने 26/11 हमले के लिए हथियार और गोलियां मुहैया करवाई थी। सऊदी अरब में पकड़े जाने के वक्त इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के साथ मिलकर भारत में 26/11 के जैसे एक अन्य हमले की साजिश कर रहा था। यह बात स्वयं जुंदाल ने जांचकर्ताओं की पूछताछ में स्वीकार किया था।
जांचकर्ताओं का दावा है कि जुंदाल ने उन्हें बताया कि उसके संबंध लश्कर -ए-तोएबा से हैं, जिसके तार आईएम से जुड़े हैं। लश्कर की मदद से देशभर में आईएम के मॉड्यूल बनाए जा रहे थे।
First Published: Thursday, July 12, 2012, 22:55