Last Updated: Thursday, January 10, 2013, 21:20
नई दिल्ली : दिल्ली में पिछले महीने चलती बस में 23 वर्षीया युवती के साथ क्रूरतापूर्ण सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद आक्रोशित लोगों में से अधिकांश चाहते हैं कि किशोर अपराधी माने जाने की अधिकतम उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 की जाए, मगर कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया है कि भावना में बहना अच्छा के बजाय नुकसानदेह साबित होगा।
पुलिस के अनुसार, प्रशिक्षु फीजियोथेरेपिस्ट को यौन प्रताड़ना देने वालों में एक नाबालिग है और उसने पीड़िता पर रॉड का इस्तेमाल भी किया था। लेकिन जैसा कि आरोपी ने खुद के नाबालिग होने का दावा किया है, पुलिस ने उसके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इसका मतलब यह कि उसके साथ वैसा सलूक नहीं किया जा सकता जैसा अन्य पांच आरोपियों के साथ हो रहा है। उसे अधिकतम तीन साल के लिए सुधार गृह में भेजना होगा। अन्य को मृत्युदंड सुनाई जा सकती है।
गैर सरकारी संगठन चेतना (चाइल्डहुड इन्हान्समेंट थ्रू ट्रेनिंग एंड एक्शन) के निदेशक संजय गुप्ता के मुताबिक, एक घटना के आधार पर यदि ऐसा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो कई अन्य किशोर अपराधियों को इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा। गुप्ता ने कहा कि इस समय 18 से कम उम्र की लड़कियों को जबरन वेश्यालयों में भेज दिया जाता है और किशोर न्याय अधिनियम के तहत उसे छुड़ाकर पुनर्वासित किया जाता है, लेकिन जब उम्र सीमा घटाकर 16 की जाएगी तब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और उन पर गैर इरादतन वेश्यावृत्ति का मामला दर्ज करेगी।
उन्होंने कहा कि उम्र सीमा घटाने से बेघर किशोर अपराधियों को निशाना बनाने में निश्चित रूप से पुलिस को मदद मिलेगी और उन्हें झूठे मामलों में असानी से फंसाया जा सकता है। उनके विचार पर वकील रिबेका जॉन ने भी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि कानून के साथ छेड़छाड़ को मानवाधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय कानून की अवमानना माना जाएगा और यह भयानक मोड़ ले लेगा।
वहीं, वकील एच.एस. फूलका ने कहा कि यदि 16 से 18 वर्ष उम्र का कोई किशोर अपराधी जघन्य अपराध करता है तो अदालत उसे कड़ी सजा दे सकती है, भले ही वह कम उम्र का क्यों न हो। लेकिन इस मुद्दे पर बहस जारी है, किशोर अपराधी की उम्र सीमा घटाने की मांग वाली एक सार्वजनिक याचिका बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 10, 2013, 21:20