Last Updated: Thursday, October 11, 2012, 20:24

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बतौर गवाह 2जी मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष बुलाने की बढ़ती मांग के बीच समिति के अध्यक्ष पी.सी. चाको ने आज फैसला किया कि वह इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष के विचारार्थ भेजेंगे। लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री को जेपीसी के समक्ष बुलाने की संभावना से इंकार कर दिया।
भाजपा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम को जेपीसी के समक्ष बुलाने की मांग कर रही है तो समिति में शामिल वाम दलों के सदस्यों भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता और माकपा के सीताराम येचुरी ने वित्त मंत्री को समिति के समक्ष पेश करने की मांग जोरदार ढंग से उठायी। चाको ने कहा कि पूर्व की परंपराओं और नियमों के मुताबिक समिति के सदस्य किसी मंत्री को बुलाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हैं। उसके बाद इस आग्रह को अंतिम फैसले के लिए लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा जाता है क्योंकि गवाही देने या सलाह मशविरे के लिए किसी मंत्री को समिति के समक्ष बुलाने की इजाजत नियम नहीं देते।
उन्होंने जेपीसी की आज की बैठक के बाद कहा कि इस मामले में चूंकि वित्त मंत्री को बुलाने के बारे में कोई आम सहमति नहीं है इसलिए ‘मैंने यह मामला लोकसभा अध्यक्ष के विचारार्थ भेजने का फैसला किया, जो नियमों के तहत मान्य है। प्रधानमंत्री को बुलाने का पूर्व का कोई उदाहरण नहीं है।’ चाको द्वारा सिंह और चिदंबरम को बुलाए जाने की मांग पर कोई फैसला नहीं करने का आरोप लगाते हुए जेपीसी में शामिल छह भाजपा सदस्यों ने आज बैठक का बहिष्कार किया।
चाको को पार्टी की ओर से भेजे एक कड़े पत्र में भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमने जोरदार मांग की थी कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को गवाही के लिए बुलाया जाए। पत्र में कहा गया है कि 2जी मामले में निर्णय लेने की प्रक्रिया में दोनों की भूमिका के मद्देनजर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को बुलाया जाना अत्यंत आवश्यक है। पत्र के जवाब में चाको ने कहा कि भाजपा के अलावा किसी अन्य ने प्रधानमंत्री को बतौर गवाह बुलाने की मांग नहीं की है। भाकपा और माकपा ने भी कहा है कि वे प्रधानमंत्री को नहीं बुलाना चाहते बल्कि चाहते हैं कि केवल वित्त मंत्री को बुलाया जाए। भाजपा को पता है कि नियम प्रधानमंत्री को बुलाने की इजाजत नहीं देते।
चाको ने सिन्हा के इस आरोप से भी इंकार किया कि वह जेपीसी के समक्ष बुलाए जाने वाले गवाहों की सूची को अंतिम रूप देने में कोई फैसला नहीं ले रहे हैं। आज की बैठक शुरू होने से पहले दासगुप्ता ने चाको को एक पत्र सौंपा, जिसमें चिदंबरम को बतौर गवाह पेश करने की मांग की गयी थी। दासगुप्ता ने कहा कि चिदंबरम दूरसंचार विभाग को 2जी लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया एकतरफा आगे बढाने से दूरसंचार विभाग को रोकने में असमर्थ रहने का स्पष्टीकरण देने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह नब्बे के दशक में प्रतिभूति घोटाले के समय जेपीसी के समक्ष पेश हुए थे। माकपा के येचुरी ने 18 सितंबर को हुई जेपीसी बैठक में इसी तरह की मांग उठायी थी। आज की बैठक में भी येचुरी ने वित्त मंत्री को बुलाये जाने की बात पर जोर दिया।
किसी मंत्री को बुलाए जाने की पूर्व परंपरा के बारे में चाको ने कहा कि प्रतिभूति घोटाले की जांच कर रही जेपीसी ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल को पत्र लिखा था। पाटिल सहमत हो गए थे लेकिन उन्होंने कहा कि इसे आगे परंपरा के रूप में नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान कांग्रेस के मनीष तिवारी ने मांग की कि विवादास्पद नीरा राडिया टेप जेपीसी को उपलब्ध कराए जाने चाहिए और निगमित कंपनियों के लोगों को बतौर गवाह बुलाया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 11, 2012, 20:24