Last Updated: Monday, February 25, 2013, 14:59

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने हरियाणा में अध्यापकों की गैर कानूनी भर्ती के मामले में आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को दोषी ठहराये जाने और 10 साल की जेल की सजा के खिलाफ याचिका पर सीबीआई का जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कुमार की याचिका पर जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया। कुमार को 2000 में 3206 कनिष्ठ प्राथमिक अध्यापकों (जेबीटी) की गैर कानूनी भर्ती के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला एवं 53 अन्य के साथ दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी गयी थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को तय की है।
हरियाणा में प्राथमिक शिक्षा के तत्कालीन निदेशक कुमार ने उच्चतम न्यायालय में एक यचिका दायर कर इस मामले का खुलासा किया था। बाद में सीबीआई द्वारा की गयी घोटाले की जांच में कुमार को भी संलिप्त पाया गया।
चौटाला ने भी पूर्व में उच्च न्यायालय में जेबीटी घोटाले में उन्हें दोषी ठहराने और सजा सुनाने के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने मामले में अंतरिम जमानत मांगी है।
चौटाला के अनुरोध पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई को एक नोटिस जारी किया और जेल अधिकारियों से उनके चिकित्सा रिकार्ड तलब किये।
विशेष सीबीआई अदालत ने 22 जनवरी को इस मामले में कुमार, ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला तथा अन्य को दोषी ठहराते हुए अलग अलग सजा सुनायी थी। चौटाला और कुमार के साथ-साथ चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बादशामी को 10 साल के जेल की सजा सुनायी है।
जिन अन्य लोगों को दस साल की सजा सुनायी गयी है उनमें मदनलाल कालरा, दुर्गादत्त प्रधान, बानी सिंह, राम सिंह और दया सैनी शामिल हैं।
एक दोषी को पांच साल की सजा और 44 अन्य को चार साल की जेल की सजा सुनायी गयी है। दोषी ठहराये गये 55 लोगों में 16 महिला अधिकारी हैं। विशेष सीबीआई अदालत ने 16 जनवरी को मामले में 55 आरोपियों को दोषी ठहराया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 25, 2013, 14:59