Last Updated: Tuesday, September 27, 2011, 08:56
ज़ी न्यूज़ ब्यूरो नई दिल्ली : 'कैश फॉर वोट' मामले में आरोपी सुधींद्र कुलकर्णी ने मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि वे भ्रष्टाचार को उजागर करने की योजना के 'मास्टर माइंड' हैं. उन्होंने देशहित में काम किया है. इसके बावजूद अदालत उन्हें दोषी मानती है तो वे जेल जाने को तैयार हैं.
जब कुलकर्णी से अमर सिंह की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं किसी व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. अब यह साबित हो चुका है कि किसने किसे पैसे दिए थे. अब सिर्फ यही साबित होना बाकी है कि इस पूरे मामले से अंतिम लाभ किसको पहुंचा.' उन्होंने कहा कि 'स्टिंग ऑपरेशन' बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की जानकारी में और उनकी सहमति के बाद ही किया गया था.
'कैश फॉर वोट' मामले में सुधींद्र कुलकर्णी को कोर्ट के सामने पेश किया गया था जहां उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. उनकी अर्जी पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है. वे पिछले दिनों निजी वजहों से अमेरिका में थे, जिसके चलते कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाए थे. कुलकर्णी ने अपने वकीलों के जरिए कोर्ट की कार्यवाही में मौजूद रहने से छूट मिलने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए 27 सितंबर को हाजिर होने के लिए कहा था.
मालूम हो कि 'कैश फॉर वोट' कांड 22 जुलाई 2008 को हुआ था. अमेरिका के साथ भारत का प्रस्तावित परमाणु करार यूपीए सरकार को समर्थन दे रहे वामदलों को रास नहीं आया था. इस वजह से वाम दलों ने यूपीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. ऐसे में लोकसभा में विश्वास मत (ट्रस्ट वोट) की जीत हासिल करना यूपीए के लिए अनिवार्य था. आरोप है कि यूपीए सरकार को बचाने के लिए रिश्वत का खेल खेला गया था.
First Published: Tuesday, September 27, 2011, 14:26