'जेल में रहना मंजूर, पर समझौता नहीं' - Zee News हिंदी

'जेल में रहना मंजूर, पर समझौता नहीं'

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जी न्यूज ब्यूरो

अहमदाबादः गुजरात के साबरमती जेल में बंद निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की  जमानत की अर्जी कानूनी दांवपेंच में फंस गई है. सेशन कोर्ट में गुजरात सरकार ने दलील दी कि जबतक उनकी रिमांड की अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती संजीव की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकती. बहरहाल कोर्ट ने सरकार की रिमांड अर्जी पर फैसला 7 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित कर रखा है. अहमदाबाद पुलिस को गिरफ्तार आईपीएस संजीव भट्ट की रिमांड चाहिए. हालांकि निचली अदालत ने उनकी रिमांड की याचिका रद्द कर दी थी . लेकिन इसके खिलाफ गुजरात सरकार ने सेशंस कोर्ट में रिमांड के लिए रिवीजन अर्जी डाल दी. इससे संजीव भट्ट की जमानत में देरी हो रही है.

कोर्ट ने कहा कि अगर संजीव भट्ट तीन घंटे के लिए पुलिस रिमांड में जाना चाहें तो वो जाकर वापस आ सकते हैं और उसके बाद उन्हें जमानत मिल जाएगी. लेकिन संजीव भट्ट ने इससे इनकार कर दिया. उनका कहना था कि सिद्धांत की लड़ाई में उन्हें समझौता नहीं करना है. उन्हें जेल में रहना मंजूर है. संजीव भट्ट को जेल से मुक्ति कब मिलेगी. बुधवार को स्थिति साफ हो पाएगी.

 


First Published: Wednesday, October 5, 2011, 00:14

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