Last Updated: Friday, June 29, 2012, 18:01

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने लोगों को ऑनलाइन रेलवे टिकट आरक्षण में आ रही भारी दिक्कतों को दूर करने के लिए ऐसी पांच लाख से भी ज्यादा ‘ई-मेल आईडी’ को रद्द कर दिया गया है जो एक नाम से दर्ज एक आईडी के नियम का उल्लंघन कर बनायी गयी थीं। साथ ही एजेंटों की भी लगभग 44 हजार आईडी को रद्द किया गया है।
आईआरसीटीसी के जेजीएम-पीआर प्रदीप कुंडू ने बताया कि लोगों की ओर से आ रही शिकायतों को देखते हुए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करना और जानेमाने विशेषज्ञों से सलाह लेना शामिल है। उन्होंने कहा कि रद्द की गयी अतिरिक्त आईडी से वेबसाइट पर बोझ काफी बढ़ गया था।
एंटी आईटी फ्रॉड दस्ता भी बनाया गया है जो इंटरनेट से टिकट आरक्षित करने की प्रणाली में किसी तरह की सेंध लगाने या इससे छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। आईआरसीटीसी इस बात पर चौकसी रख रही है कि एक व्यक्ति एक से अधिक आईडी न बना सके और इसके लिए मोबाइल नंबर के जरिए सत्यापन भी किया जाता है।
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी पहले ही एजेंटों पर सुबह आठ से 10 बजे तक सभी तरह के टिकट आरक्षित करने पर रोक लगा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को ऑनलाइन टिकट लेने में काफी दिक्कतें आती हैं।
मई से ही ऐसी व्यवस्था लागू की जा चुकी है जिससे सुबह आठ से 10 बजे के बीच एक आई पी एड्रेस के जरिए सिर्फ दो टिकटें ही आरक्षित की जा सकती हैं। इस कदम से एक कार्यालय या इंटरनेट कैफे से भारी तादाद में टिकटों के आरक्षण पर नकेल कसी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान टिकट आरक्षित करने के लिए एक आईडी का सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे वेबसाइट पर पड़ने वाला अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। इसके अलावा इस अवधि में क्विक बुक का विकल्प भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
वेबसाइट की रफ्तार बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इंटरनेट की ‘बैंडविथ’ को 344 से बढ़ा कर 450 एमबीपीएस किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए आईआरसीटीसी खुद को तकनीकी स्तर पर और उन्नत करने की प्रक्रिया जारी रखेगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 29, 2012, 18:01