Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 14:14
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर दबाव बढ़ा दिया है। तृणमूल ने अब राज्य को दिए गए लोन के ब्याज पर तीन साल तक के लिए रोक लगाने की मांग की है। इस सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद और मंत्री जल्द वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलेंगे और अपनी मांग रखेंगे।
गौर हो कि पश्चिम बंगाल पर सालाना 22000 करोड़ रुपये का ब्याज होता है। पार्टी का तर्क है कि सूबे में तेज विकास के लिए फिलहाल ब्याज के इस रकम को तीन साल तक के लिए नहीं लिया जाए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों कहा था कि केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल के लिए अगले तीन सालों तक कर स्थगन की मांग स्वीकार करनी होगी। ममता ने प्रदेश के ब्याज के रूप में काफी बड़ी रकम के भुगतान पर तीन साल तक रोक लगाने की मांग के साथ आज केंद्र सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया था। हालांकि बाद में वह अपने बयान से मुकर गईं थीं और कहा था कि उन्होंने केंद्र से सिर्फ अपील की थी।
इस संबंध में ममता ने प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक भी किया था और कहा कि ऐसा करना होगा। हम भुगतान नहीं कर सकते। मैंने एक साल तक इंतजार किया और मैं अगले 15 दिनों तक प्रतीक्षा करुंगी। चेतावनी भरे लहजे में उन्होंने कहा कि राज्य को वंचित रखने का कोई प्रयास किया गया तो इसे सहन नहीं किया जाएगा और यह बड़ा मुद्दा बन जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैंने बार-बार अपील की है, मेरा धैर्य अब जवाब देने लगा है।’ ममता ने कहा कि उन्होंने विगत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष राज्य की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि राज्य पर पूर्ववर्ती वाम मोर्चे के शासन काल से ही दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण भार है। ममता का कहना था कि अगर आय 21 हजार करोड़ रुपये है और ब्याज का भुगतान 22 हजार करोड़ रुपए है तो विकास कार्य या वेतन का भुगतान कैसे हो सकता है।
First Published: Thursday, April 26, 2012, 19:44