Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 23:46

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संप्रग सरकार के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए अन्ना हजारे और उनकी टीम ने आज अपने बेमियादी अनशन की शुरुआत की और आज ही शपथ लेने वाले नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी नहीं बख्शा हालांकि अन्ना हजारे स्वयं किसी तरह की निजी टिप्पणी करने से बचे।
हजारे ने अनशन में उमड़े हुजूम को संबोधित करते हुए ज्यादातर अपनी बात लोकपाल विधेयक तक केंद्रित रखी और चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो ‘जेल भरो आंदोलन’ छेड़ा जाएगा और अगले लोकसभा चुनाव में प्रचार किया जाएगा। बहरहाल टीम अन्ना के अहम सदस्यों अरविंद केजरीवाल तथा प्रशांत भूषण ने मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सीधा हमला करते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। गृह मंत्री पी चिदंबरम, संचार मंत्री कपिल सिब्बल और पूर्व मंत्री वीरभद्र सिंह समेत अन्य नेताओं को भी निशाना बनाया गया।
केजरीवाल ने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अगर लोकपाल होता तो मुखर्जी राष्ट्रपति नहीं बन पाते। संविधान राष्ट्रपति को किसी तरह की जांच से छूट देता है। अब कांग्रेस ने राष्ट्रपति पर संविधान की चादर ढक दी है। टीम अन्ना ने 15 केंद्रीय मंत्रियों पर विभिन्न घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाने के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर इन सबको संरक्षण देने का इल्ज़ाम भी लगाया।
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने टीम अन्ना के विरोध प्रदर्शन पर उसे आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है और यदि उन्हें शीर्ष अदालत में भी भरोसा नहीं है तो वे संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगा सकते हैं। जन लोकपाल विधेयक का पुरजोर समर्थन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज यहां जंतर मंतर पर फिर से आंदोलन की शुरूआत करते हुए कहा कि सरकार को लोकपाल लाना पड़ेगा, नहीं तो जाना पड़ेगा।
टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा में सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे को बचाने का काम करते हैं।
अन्ना हजारे ने कहा कि देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर भ्रष्टाचार का नशा छा गया है और जनता को एकजुट होकर इन्हें होश में लाना होगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लोकपाल मुद्दे पर अपने आश्वासन से मुकरने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश के खजाने को चोरों ने नहीं पहरेदारों ने धोखा दिया है। देश को दुश्मनों से नहीं भ्रष्टाचारियों से खतरा है। अन्ना ने दावा किया कि जन लोकपाल कानून अमल में आ जाने देश में 70 प्रतिशत भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला, चावल निर्यात घोटाला, पनडुब्बी सौदा घोटाला, वार रूम लीक मामले, सेबी से जुड़ी अनियमितता, टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला आदि से अनेक केंद्रीय मंत्रियों के नाम जुड़े हैं। इनके खिलाफ साक्ष्य भी है लेकिन इनकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराये जाने की जरूरत है, तभी सच सामने आ सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार जांच कराने को तैयार नहीं है, अगर स्वतंत्र जांच नहीं होगी, तब सच कैसे सामने आएगा। अगर हमारे खिलाफ आरोप लगते हैं तब इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए। जारी अनशन स्थल पर मंच पर गांधी जी की तस्वीर लगायी गयी है । इसके साथ ही टीम अन्ना ने जिन केंद्रीय नेताओं के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है उनकी तस्वीरें भी टांग दी गई हैं जिसमें नए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री पी. चिदंबरम सहित कई अन्य लोग शामिल हैं। कुछ देर बाद प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक दिया गया।
इस पर केजरीवाल ने कहा कि मुखर्जी अब राष्ट्रपति पद की शपथ ले चुके है जो शीर्ष संवैधानिक पद है। हम संविधान का सम्मान करते हैं, इस नाते प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक रहे हैं ताकि इस पद की गरिमा कम न हो। इससे पहले केजरीवाल ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि अगले चुनावों में जनता का मोर्चा सामने आएगा और टीम अन्ना उसका समर्थन करेगी। प्रशांत भूषण ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा में सांठगांठ है और सत्ता में आने पर दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे को बचाने का काम करते हैं।
आज सुबह अनशन स्थल पर अन्ना और उनके सहयोगियों के पहुंचते ही अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया जब कुछ लोगों ने टीम अन्ना के खिलाफ हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इनके बारे में दावा किया गया है कि वह कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकार्ता हैं। अन्ना और उनके सहयोगियों ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने और संघर्ष नहीं करने की अपील की और हंगामा कर रहे लोगों को अनशन स्थल से बाहर कर दिया गया। टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास का आरोप है कि अनशन स्थल पर हंगामा करने वाले एनएसयूआई के सदस्य हैं जो अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। टीम अन्ना ने हंगामे की योजना से संबंधित एक कथित आडियो भी प्रसारित किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने टीम अन्ना के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर उनके सरकार विरोधी प्रदर्शन में बाधा डालने के आरोप लगाया गया था।
उन्होंने इस तरह के आरोपों को ‘आधारहीन’ तथा ‘निर्मूल’ करार दिया। नारायणसामी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का लोकतांत्रिक सिद्धांतों में पूरा विश्वास है न कि हिंसा में। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने भी टीम अन्ना के सदस्यों पर राष्ट्र को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया और उन्हें चुनौती दी कि अगर उनके पास सबूत हैं तो अदालत में जाएं। केजरीवाल ने कहा कि आज से प्रतिदिन तीन.चार मंत्रियों एवं केंद्रीय नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरापों का खुलासा किया जाएगा।
टीम अन्ना के एक सदस्य मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के कोने कोने में नेताओं और अफसरों की मिलीभगत से लूट चल रही है और उन पर वषरे से मुकदमा चल रहा है और किसी को दंडित नहीं किया जा सका है। इसलिए हम एसआईटी के गठन की मांग कर रहे हैं ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। टीम अन्ना को संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाने की केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की टिप्पणी पर सिसोदिया ने कहा कि लोगों ने खून पसीने से सांसदों को चुनकर भेजा है। मजबूत जन लोकपाल कानून देश के भीतर और जनता के बीच ही बनेगा। संयुक्त राष्ट्र जाने की जरूरत नहीं है।
किरण बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री सहित कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं। आरोपों की जांच के लिए जब तक उनके खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) नहीं बनाया जाता और लोकपाल विधेयक पारित नहीं होता है, तब तक यह अनशन चलता रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 23:46