Last Updated: Thursday, August 2, 2012, 00:38

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की चिकित्सकों की सलाह मानने की अपील को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार रोधी जनलोकपाल विधेयक के लिए आठ दिन से अनशन कर रही टीम अन्ना ने अपना रवैया सख्त कर लिया। समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार द्वारा अनशन जबरदस्ती तुड़वाने के संकेत के बीच चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ऐसा किया तो वह कोई वार्ता नहीं करेंगे। उधर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय दिग्विजय ने बुधवार को संकेत दिया था कि टीम अन्ना यदि अपना अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखती है तो सरकार उनका अनशन जबरन तुड़वा सकती है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त केसी द्विवेदी ने अनशनरत लोगों की देखभाल कर रहे चिकित्सकों से सलाह मशविरा करने के बाद इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) के आयोजक नीरज कुमार से तीन अनशनकर्मियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता बताई। द्विवेदी ने पत्र में लिखा कि चिकित्सकों की टीम ने अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय एवं मनीष सिसौदिया को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी है।
केजरीवाल ने पुलिस की सलाह की अनदेखी करते हुए कहा कि वह कानून विरुद्ध कोई काम नहीं कर रहे हैं और इसलिए वह अस्पताल नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं कमजोर हूं लेकिन सरकार कह रही है कि वह मुझे अस्पताल में भर्ती करा देगी क्योंकि मैं आत्महत्या का प्रयास कर रहा हूं। अनशन के आठवें दिन जंतर मंतर के अनशन मंच से अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी देखरेख में जो डाक्टरों की टीम लगी है उनका कहना है कि हमारा स्वास्थ्य सामान्य है और हमें अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं। जबकि, सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि हमें अस्पताल ले जाया जाए जिससे यह शक पैदा होता है कि क्या हमें अनशन स्थल से उठाकर ले जाने की साजिश हो रही है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस की चिट्ठी में लिखा है कि हमने जो आश्वासन दिया था उसके तहत जो कानूनी आदेश होगा उसका हम पालन करेंगे, लेकिन हम दिल्ली पुलिस को बताना चाहते हैं कि हम उनके जायज आदेशों का तो पालन करेंगे लेकिन नाजायज़ आदेशों का नहीं। दिल्ली पुलिस ने आज टीम अन्ना के सदस्यों अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह देते हुए आगाह किया कि अगर इन तीनों के साथ कुछ भी अप्रिय होता है तो आयोजक सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। केजरीवाल मधुमेह के रोगी हैं और उनकी सेहत बिगड़ गई है।
ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का अनशन बुधवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया, जबकि अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय एवं मनीष सिसौदिया सहित टीम अन्ना के अन्य कई सदस्य 25 जुलाई से ही अनशनरत हैं।
उधर, केजरीवाल एवं सिसौदिया की हालत, उनकी निगरानी कर रहे चिकित्सकों द्वारा मंगलवार को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देने के बाद चिंता का सबब बनी हुई है। केजरीवाल ने जंतर मंतर पर कहा कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सकों को वापस भेजा जाए क्योंकि उन्हें किसी भी सरकारी अस्पताल में भरोसा नहीं है। अनशनल स्थल पर मौजूद चिकित्सकों ने कहा है कि चारों लोगों का स्वास्थ्य स्थिर है और `घबराने की जरूरत नहीं` है।
अन्ना ने केजरीवाल एवं अनशन कर रहे अन्य लोगों का पक्ष लेते हुए कहा कि वे देश के लिए संघर्ष कर रहे हैं जो सरकार को अच्छा नहीं लग रहा है और सरकार कार्यकर्ताओं को अस्पताल भेजने का षडयंत्र रच सकती है। उन्होंने कहा, "यदि सरकार ने उन्हें जबरदस्ती हटाया तो मैं सरकार में किसी से वार्ता नहीं करुं गा। जब तक हममें शक्ति है हम विरोध करेंगे। दिग्विजय ने यहां एक न्यूसज चैनल से बातचीत में कहा था कि सरकार किसी को मरने की अनुमति नहीं दे सकती। इसलिए सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना ही होगा।
बातचीत की पहल करते हुए हालांकि दिग्विजय ने कहा कि बातचीत बंदूक की नोक पर नहीं हो सकती। उन्होंने अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों से अनशन समाप्त करने अपील की। जंतर मंतर पर मौजूद एवं आंदोलन में भाग लेने आए कैंसर विशेषज्ञ संजीव छिब्बर ने बुधवार को कहा कि शरीर के सभी मापदंड सामान्य है। उनकी हालत स्थिर है। दिल्ली पुलिस ने पत्र में कहा कि टीम अन्ना के सलाह न मानने से कानून एवं व्यवस्था प्रभावित होगी।
पत्र के अनुसार कि उनके अनशन जारी रखने, चिकित्सा की अनुमति न देने और सरकार द्वारा जबरदस्ती हटाने पर मंच से गम्भीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देने की घोषणा करना उन शर्तो का उल्लंघन है जिसपर दोनों तरफ से सहमति बनी थी। इससे कानून एवं व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
First Published: Thursday, August 2, 2012, 00:38