टीम अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन

टीम अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन

टीम अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिनज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : दिल्ली के जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन है। अन्ना हजारे के नेतृत्व में यह अनशन कल शुरू हुआ था।

बुधवार को जंतर-मंतर पर टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर जांच की मांग की। इसके जवाब में सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कहा कि अन्ना और उनके सहयोगियों की बात में कोई दम नहीं है। यदि वे चाहें तो अपनी बात संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठा सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने टीम अन्ना के विरोध प्रदर्शन पर उसे आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है और यदि उन्हें शीर्ष अदालत में भी भरोसा नहीं है तो वे संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगा सकते हैं।

अनशन के पहले दिन टीम अन्ना के अहम सदस्यों अरविंद केजरीवाल तथा प्रशांत भूषण ने मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सीधा हमला करते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। गृह मंत्री पी चिदंबरम, संचार मंत्री कपिल सिब्बल और पूर्व मंत्री वीरभद्र सिंह समेत अन्य नेताओं को भी निशाना बनाया गया।

केजरीवाल ने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अगर लोकपाल होता तो मुखर्जी राष्ट्रपति नहीं बन पाते। संविधान राष्ट्रपति को किसी तरह की जांच से छूट देता है। अब कांग्रेस ने राष्ट्रपति पर संविधान की चादर ढक दी है। टीम अन्ना ने 15 केंद्रीय मंत्रियों पर विभिन्न घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाने के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर इन सबको संरक्षण देने का इल्ज़ाम भी लगाया।

अन्ना हजारे ने कहा कि देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर भ्रष्टाचार का नशा छा गया है और जनता को एकजुट होकर इन्हें होश में लाना होगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लोकपाल मुद्दे पर अपने आश्वासन से मुकरने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश के खजाने को चोरों ने नहीं पहरेदारों ने धोखा दिया है। देश को दुश्मनों से नहीं भ्रष्टाचारियों से खतरा है। अन्ना ने दावा किया कि जन लोकपाल कानून अमल में आ जाने देश में 70 प्रतिशत भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है।

किरण बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री सहित कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं। आरोपों की जांच के लिए जब तक उनके खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) नहीं बनाया जाता और लोकपाल विधेयक पारित नहीं होता है, तब तक यह अनशन चलता रहेगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 26, 2012, 09:18

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