Last Updated: Wednesday, September 21, 2011, 05:02
नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना उपवास और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रस्तावित रथयात्रा पर सवाल उठाते हुए टीम अन्ना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यात्राएं और उपवास में अगर सरकारी धन का इस्तेमाल हुआ या होती है तो हम इसे भ्रष्टाचार मानते हैं. देश की जनता को उपवास और यात्राओं की कोई जरूरत नहीं है.गौरतलब है कि मोदी ने गुजरात में ‘सद्भावना’ के लिए तीन दिवसीय उपवास किया जो सोमवार को ही खत्म हुआ. इसके साथ ही उन्होंने गुजरात के हर जिले की यात्रा करने की भी घोषणा की है. भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी भी 11 अक्तूबर से भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में रथयात्रा करने वाले हैं. इस बारे में पूछे जाने पर टीम अन्ना के साथी कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर उपवास और रथयात्रा जैसी चीजों में सरकारी धन का इस्तेमाल होता है तो हम इसे भ्रष्टाचार के समान मानते हैं.मोदी का यह उपवास जनहित में नहीं, बल्कि निजी राजनीतिक हित और व्यक्तिगत फायदे के लिए हुआ. अगर इसमें सरकारी पैसा खर्च हुआ है तो यह भ्रष्टाचार जैसा है. अगर उन्होंने पार्टी का धन इस्तेमाल किया है तो उन्हें इसका ब्योरा भी देना चाहिए. अन्ना के लोकपाल आंदोलन के एक और अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आडवाणी की प्रस्तावित यात्रा का नाम लिए बिना कहा कि जो पार्टियां यात्राएं निकालना चाहती हैं, उनसे हम कहना चाहते हैं कि देश को यात्राएं नहीं, जनलोकपाल विधेयक चाहिए. यात्रा निकाल रही पार्टियों को चाहिए कि वे पहले उनके द्वारा शासित राज्यों में लोकायुक्त का गठन करें. उपवास और यात्रा के बजाय अगर जनलोकपाल विधेयक के बारे में सोचा जाए तो यह ज्यादा अच्छा रहेगा. (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 21, 2011, 10:32