टीम अन्ना से खफा गांधीवादी शंभू दत्त - Zee News हिंदी

टीम अन्ना से खफा गांधीवादी शंभू दत्त

नई दिल्ली : लोकपाल विधेयक पर आंदोलन की बागडोर संभालने के टीम अन्ना के वादे के बाद अपना आमरण अनशन खत्म करने वाले 94 साल के गांधीवादी शंभू दत्त को अब अफसोस हो रहा है कि आखिर क्यों उन्होंने अपनी लड़ाई अन्ना हजारे और ‘जी हुजूरियों’ की उनकी कोर समिति को सौंप दी।

 

गांधियन सेवा एंड सत्याग्रह ब्रिगेड के महासचिव दत्त अपने पांच सहयोगियों के साथ पिछले साल 30 जनवरी को लोकपाल मुद्दे पर आमरण अनशन पर बैठे थे और इस मुद्दे पर आंदोलन करने वालों में अव्वल थे। दत्त ने बताया, ‘किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश ने हमसे अनशन खत्म करने की विनती की और वचन दिया था कि हमारे विरोध को वह आगे बढ़ाएंगे। पीछे मुड़कर देखने पर मुझे लगता है कि हमें अपना अनशन वापस नहीं लेना चाहिए था। हम अपने संकल्प के प्रति अधिक गंभीर थे।’ टीम अन्ना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना की कोर कमेटी के सदस्यों में ‘दम-खम’ नहीं है।

 

दत्त ने कहा, ‘टीम अन्ना और विशेष तौर पर अंदर की बात जानने वाले लोगों की निगाह में अरविंद केजरीवाल विश्वसनीयता खो चुके हैं। कोर कमेटी जी हुजूरी करने वालों से भरी पड़ी है और इसमें दमखम की कमी है। इनकी ज्यादतियों और अतिक्रमण से अन्ना का आंदोलन कमजोर पड़ रहा है।’ पांच राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस के विरुद्ध प्रचार करने की अन्ना की चेतावनी को दत्त ने ‘बचकाना’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘अन्ना अपना रुख बदलते रहते हैं। पहले उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस का विरोध नहीं करेंगे। उन्हें इंतजार कर यह देखना चाहिए कि सरकार संसद में कैसा विधेयक पेश करने जा रही है।’

 

दत्त के संगठन ने लोकपाल मुद्दे पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष एक ज्ञापन पेश किया है और जन लोकपाल विधेयक के कई प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का समर्थन करते हैं, मगर जन लोकपाल विधेयक के कुछ प्रस्तावों पर हमें आपत्ति है।’ दत्त ने कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को पत्र लिख कर अवैध रूप से हथियाई गई संपत्ति को जब्त करने संबंधी विधेयक अगले साल संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की मांग की है। ऐसा नहीं किए जाने पर उन्होंने 30 जनवरी से अपना अनशन फिर शुरू करने की चेतावनी दी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 8, 2011, 13:17

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