Last Updated: Monday, March 26, 2012, 10:00
नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों द्वारा मंत्रियों और सांसदों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ सोमवार को पूरी संसद एकजुट दिखी। संसद सदस्यों ने दलगत भवना से ऊपर उठते हुए अन्ना हजारे और उनकी टीम पर हल्ला बोला और उन्हें दायरे में रहने की हिदायत दी।
हालांकि टीम अन्ना का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है। सुबह में हुए हंगामे के बाद संसद की कार्यवाही जब दो बजे आरम्भ हुई तो लोकसभा के सदस्यों ने एकसुर में अन्ना हजारे पर हमला बोला। लोकसभा में टीम अन्ना के खिलाफ अब प्रस्ताव लाया जाएगा, जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि वे सर्वदलीय प्रस्ताव लाएंगे।
अन्ना हजारे को दायरे में रहने की हिदायत देते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि सांसदों के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुषमा ने कहा कि अन्ना को अपने दायरे में रहना चाहिए। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि 14 मंत्रियों सहित 165 संसद सदस्य भ्रष्ट और बलात्कारी हैं। सुषमा ने कहा कि अन्ना हजारे ने दिशा खो दी है। उन्होंने लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए संसद पर दबाव बनाया लेकिन वह सांसदों की लगातार आलोचना कर रहे हैं।
जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने सुषमा की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि अन्ना लोकतंत्र के खिलाफ हैं और वह संसद पर हमला कर रहे हैं। शरद यादव उन नेताओं में हैं जो गत वर्ष अन्ना हजारे के अनशन में शिरकत करने जंतर-मंतर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हम पिछले 30 सालों से भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। हम गरीबों और किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। मैंने अन्ना का समर्थन किया लेकिन उनकी हर मांग से सहमत नहीं हो सकता।
टीम अन्ना के आरोपों पर चिंता जाहिर करते हुए कांग्रेस के संजय निरूपम ने कहा कि कथित सिविल सोसयटी के लोग अनसिविल भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने अन्ना के आंदोलन के कार्यकर्ताओं की जांच कराने की मांग की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बासुदेव आचार्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के शैलेंद्र कुमार ने भी टीम अन्ना की कड़ी आलोचना की।
इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि टीम अन्ना द्वारा राजनेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निंदनीय हैं। पार्टी ने कहा है कि टीम अन्ना किसी मुद्दे पर असहमत हो सकती है लेकिन उसे मर्यादा का भी ख्याल रखना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि टीम अन्ना के आरोप बेहद निंदनीय हैं। हम असहमत हो सकते हैं लेकिन इस असमति की भी एक मर्यादा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम अन्ना द्वारा पूरे तंत्र और राजनेताओं की निंदा करना यह दर्शाता है कि वे कितने अहंकारी हैं और लोकतंत्र के प्रति उनके मन में कितनी घृणा है। यह अधिकारों की कट्टरता जैसा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को सावधान करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है या फिर कोई राजनीतिक दल उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर नहीं आया है इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें राजनेताओं को गुंडा कहने का अधिकार मिल गया है। उन्होंने दर्शा दिया है कि लोकतंत्र के प्रति उनमें तनिक भी विश्वास नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता को पहले मंत्रियों के खिलाफ सबूत सामने लाने चाहिए। सोनी ने कहा कि उन्हें कुछ सबूत तो देना चाहिए। सिर्फ जांच के आदेश देती रही तो सरकार फिर काम कैसे करेगी। सरकार के पास और भी काम है करने को। उन्होंने दावे के साथ कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने अन्ना हजारे के आंदोलन को लोकतंत्र के खिलाफ करार दिया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि अन्ना हजारे के आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ तो नहीं है।
कांग्रेस के संजय निरूपम ने भी टीम अन्ना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि शुरूआत में यह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन लग रहा था लेकिन अब साफ हो गया है कि ये आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं बल्कि लोकतंत्र और संसद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तमाम तकलीफों के बावजूद हिंदुस्तान ने उल्लेखनीय तरक्की की है जिससे आज अंतरराष्ट्रीय जगत में ईर्ष्या की जा रही है।
निरूपम ने कहा कि इस पूरे आंदोलन की जांच कराए जाने की जरूरत है कि कहीं यह देश के लोकतंत्र को ध्वस्त करने के लिए विदेशी ताकतों की साजिश तो नहीं है। माकपा के वासुदेव आचार्य ने कहा कि यह संसद की मर्यादा का सवाल है। उन्होंने कहा कि टीम अन्ना तो लोकपाल की मांग कर रही है जबकि वामदल तो पिछले 30 सालों से मजबूत लोकपाल की मांग कर रहे हैं। सपा के शैलेन्द्र कुमार ने टीम अन्ना के व्यवहार की निंदा की और सभी सांसदों से संवैधानिक मंदिर की रक्षा के लिए एकजुटता के साथ आगे आने की अपील की।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 11:57