Last Updated: Monday, October 10, 2011, 12:46
नई दिल्ली : संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले की फिर से जांच करने की तैयारी कर रही है और इस संदर्भ में वह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अधिकारियों को बुलाएगी। कैग ने 2008 में टूजी स्पेक्ट्रम के विवादास्पद आवंटन की आडिट की थी। पीएसी ने अपनी अगली बैठक में लेखा परीक्षण महानिदेशक (डाक और दूरसंचार) आरपी सिंह को गवाह के तौर पर बुलाने का निर्णय किया है ।
समिति उनसे इस बात पर प्रश्न करेगी कि उन्होंने टूजी स्पेक्ट्रम में हुए नुकसान का किस प्रकार से आकलन किया। पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने इस विषय पर अपनी व्यवस्था उस समय दी जब कांग्रेस सदस्य संजय निरुपम ने उन खबरों का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि कैग ने टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए नुकसान के आकलन के संबंध में अपने कनिष्ठ अधिकारी की बात को नजरंदाज किया। सिंह 31 अगस्त को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए थे।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय और एक अन्य अधिकारी रेखा गुप्ता से भी टूजी स्पेक्ट्रम में हुए नुकसान के आकलन में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में पूछा था। संजय निरुपम ने इस मामले में पांच अक्टूबर को जोशी को एक पत्र भी लिखा था और कैग से पूछताछ को बैठक का एकमात्र एजेंडा बनाए जाने का आग्रह किया था। सूचना का अधिकार के तहत खुलासा हुआ है कि सिंह ने आपसी संवाद में टूजी स्पेक्ट्रम मामले में 2,645 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही थी जो कैग की रिपोर्ट में दर्ज 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान से काफी कम है। टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में विपक्षों के हमले की धार को कुंद करने के उद्देश्य से निरूपम ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को तलब किए जाने की मांग की जिस रिपोर्ट में 1.76 लाख करोड़ रूपये के अनुमानित नुकसान का उल्लेख किया गया है। कांग्रेस के सदस्य ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को अपने कनिष्ठ सहयोगी के टूजी स्पेक्ट्रम मामले में 2,645 करोड़ रूपये का नुकसान होने की बात को नजरंदाज करने संबंधी खबरों का उल्लेख किया। निरूपम ने कहा कि कैग अधिकारियों से पूछताछ बैठक का एकमात्र एजेंडा होना चाहिए ताकि समिति के सदस्य इस विषय पर विचार कर सकें और भविष्य की रुपरेखा तैयार करने पर निर्णय कर सके।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 10, 2011, 18:16