डिनर डिप्लोमेसी : यूपीए नेताओं से मिले पीएम, FDI पर मंथन

डिनर डिप्लोमेसी : यूपीए नेताओं से मिले पीएम, FDI पर मंथन

डिनर डिप्लोमेसी : यूपीए नेताओं से मिले पीएम, FDI पर मंथननई दिल्ली : संसद के अगले हफ्ते से शुरू होने वाले महत्वपूर्ण शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने आज संप्रग के नेताओं को रात्रिभोज दिया। बताया जाता है कि डिनर पार्टी में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई सहित विभिन्न मुद्दों पर एक साझा रणनीति बनाने का प्रयास किया गया। हालांकि यूपीए के घटक दलों में से कोई भी दल इस मुद्दे को लेकर मुखर नहीं दिखा, लेकिन सरकार के लिए बड़ी परेशानी का एक कारण यह है कि उसके एक अन्य घटक दल (द्रमुक) ने इस मुद्दे पर अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि तृणमूल कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।

प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस रात्रिभोज से पहले उन्होंने सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ भी बातचीत की थी। उन्होंने पिछले हफ्ते सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया था और उसके बाद रविवार को बसपा प्रमुख मायावती को दोपहर भोज पर आमंत्रित किया था।

सरकार के भीतर एक मत यह भी है कि 22 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन कोई काम नहीं होगा। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कोई समाधान निकाल लिया जाएगा और उसके बाद के हफ्तों में कामकाज सामान्य ढंग से चलेगा। समझा जाता है कि आज रात्रि भोज में संसदीय कार्य राज्य मंत्री कमल नाथ ने सहयोगियों को बताया कि इस बात पर गौर किया जा रहा है कि सरकार के कार्यपालिका आदेश के पक्ष या विरोध में लाए गए किसी प्रस्ताव पर संसद में मतदान हो सकता है या नहीं।

बहरहाल, किसी भी घटक दल ने विशेष तौर पर एफडीआई का मुद्दा नहीं उठाया। आज रात्रि भोज में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, द्रमुक के टी. आर. बालू, नेशनल कांफ्रेस के फारूक अब्दुल्ला, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, रालोद के अजीत सिंह, इंडिशन नेशनल मुस्लिम लीग केई अहमद मौजूद थे।
प्रधानमंत्री अपने घटक दलों एवं सहयोगियों से इसलिए संपर्क साथ रहे हैं क्योंकि सरकार के समक्ष इस बात की नौबत आ सकती है कि एफडीआई के मुद्दे पर लाये जाने वाले प्रस्ताव पर मतदान हो। अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने की भी संभावना है।

वाम दलों ने एक प्रस्ताव रखा है जिस पर एफडीआई के मुद्दे पर मतदान करवाया जा सकता है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा, उसकी सहयोगी जदयू तथा संप्रग से अपना रास्ता अलग करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने भी नोटिस दिये हैं। विपक्ष में जिनकी ओर से नोटिस दिये गये हैं उनमें तृणमूल के शताब्दी राय, भाजपा के रमेश बेंस, ए टी नाना पाटिल, हंसराज अहीर तथा जदयू के राजीव रंजन सिंह शामिल हैं।

प्रस्ताव पर मतदान की स्थिति में द्रमुक का सहयोग संप्रग सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा में 18 सदस्यों के साथ वह संप्रग का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। फिलहाल 545 सदस्यीय लोकसभा में सरकार के पास द्रमुक सहित 265 सदस्यों का समर्थन है। समाजवादी पार्टी के 22 और बसपा के 21 सदस्यों के सहयोग से उसका संख्या बल 300 से थोड़ा ऊपर चला जाता है। लोकसभा में बहुमत के लिए 273 मतों की जरूरत पड़ती है। बसपा और सपा ने अभी तक मिलकर या अकेले में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वे सरकार से समर्थन वापस लेने जा रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 16, 2012, 23:42

comments powered by Disqus