Last Updated: Saturday, April 28, 2012, 04:20
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीरायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार और माओवादियों के मध्यस्थों के बीच दो दिन में 10 घंटे से अधिक समय तक हुई वार्ता के बाद सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई की आस बंधी है। राज्य सरकार और माओवादियों के बीच हो रही बातचीत के बाद आज माओवादियों के मध्यस्थ नक्सल प्रभावित ताड़मेटला के घने जंगलों में माओवादियों के पास पहुंच गए हैं। मध्यस्थ अभी तक हुई बातचीत की जानकारी माओवादियों को देंगे।
राज्य के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि माओवादियों की ओर से मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रो. हरगोपाल आज हेलिकाप्टर से चिंतलनार पहुंचे तथा वहां से दोपहिया वाहन से ताड़मेटला जाने की खबर है। रामनिवास ने बताया कि ताड़मेटला नक्सल प्रभावित क्षेत्र है तथा इस इलाके में घना जंगल होने के कारण यहां दोपहिया वाहनों से ही पहुंचा जा सकता है। इससे पहले कलेक्टर मेनन के लिए दवा लेकर गए भाकपा नेता मनीष कुंजाम भी मोटरसाइकिल से इस क्षेत्र में गए थे।
गौरतलब है कि ताड़मेटला क्षेत्र में ही छह अप्रैल 2010 को माओवादियों ने अब तक के सबसे बड़ा नक्सली हमला किया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 76 जवान शहीद हो गये थे। एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बीडी शर्मा और प्रो. हरगोपाल को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई है। पुलिस बल ने मध्यस्थों को चिंतलनार क्षेत्र तक पहुंचा दिया तथा इसके बाद वे चिंतलनार से स्थानीय मीडियाकर्मियों के दुपहिया वाहन से ताड़ेमटला पहुंचे हैं।
पुलिस मुख्यालय पर तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के मध्यस्थों को उनकी दोनों मांगों 17 कैदियों की रिहाई एवं नक्सल विरोधी ऑपरेशन ग्रीन हंट को रोकने के सम्बंध में स्पष्ट संदेश दे दिया है। हमें एक दो दिनों में नक्सलियों की तरफ से सकारात्मक पहल होने की पूरी उम्मीद है।' मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को कहा, 'अब अपहृत जिला अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन को सुरक्षित एवं जल्द मुक्त कराना हमारी उच्च प्राथमिकता है। मैं नक्सलियों के चंगुल से जिलाधिकारी को मुक्त कराने के पूरी कोशिश करुंगा।' मालूम हो कि नक्सलियों ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन को गत शनिवार को अगवा कर लिया था।
First Published: Tuesday, May 1, 2012, 09:19