Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 03:27
ज़ी न्यूज ब्यूरोरायपुर/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ सरकार ने सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को छुड़ाने की पहल शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार ने राज्य के बस्तर इलाके में नक्सल विरोधी अभियान पर भी रोक लगा दी। इस बीच नक्सलियों ने मीडिया को ई-मेल भेजकर सरकार से बातचीत के लिए तीन मध्यस्थों के नाम सुझाए हैं। लेकिन प्रशांत भूषण और मनीष कुंजाम ने मध्यस्थता से इंकार कर दिया है। नक्सलियों ने 25 अप्रैल तक की डेडलाइन दी है।
नक्सलियों ने ई-मेल में जिन वार्ताकारों के नाम सुझाए हैं वे हैं बस्तर के पूर्व आयुक्त ब्रह्मदेव शर्मा, मशहूर वकील प्रशांत भूषण और आदिवासी महासभा के मनीष कुंजाम। इन लोगों को वार्ता के लिए ताड़मेटला बुलाया गया है। ई-मेल में कहा गया है कि अस्थमा के मरीज मेनन की तबीयत खराब है। वार्ताकार अपने साथ दवाएं भी लेकर आएं। कुंजाम ने पार्टी नीतियों का हवाला देते हुए मध्यस्थता से इनकार किया है। प्रशांत भूषण ने भी कहा है कि वह मध्यस्थता नहीं करेंगे। उनका कहना है कि नक्सलियों की मांग जायज है, लेकिन वह किसी को अगवा कर अपनी मांग नहीं मनवा सकते। इसलिए पहले वह कलेक्टर को छोड़ दें, फिर उनकी जायज मांगों को लेकर वह सरकार से वार्ता करने को तैयार हैं।
इस बीच खुफिया सूचना के मुताबिक कलेक्टर मेनन को रखे जाने की जगह का सुराग मिल गया है। करीब 300 नक्सलियों ने उन्हें घेरकर रखा है। छग के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि फिलहाल मेनन सुरक्षित हैं। नक्सली उन्हें लेकर लगातार जगह बदल रहे हैं।
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 16:02