डीएमके के मंत्री आज सौपेंगे इस्‍तीफा, PM से मिलने का वक्‍त मिला

डीएमके के मंत्री आज सौपेंगे इस्‍तीफा, PM से मिलने का वक्‍त मिला

डीएमके के मंत्री आज सौपेंगे इस्‍तीफा, PM से मिलने का वक्‍त मिलानई दिल्ली/चेन्नई : श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर द्रमुक ने मंगलवार रात संप्रग से अपना समर्थन वापस ले लिया और पुनवर्विचार की किसी संभावना से इनकार किया। केंद्र में डीएमके के मंत्रियों ने अपना इस्‍तीफा सौंपने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री से वक्‍त मांगा है। जानकारी के अनुसार, उन्‍हें 12 बजे का वक्‍त मिला है।

इस बीच, टीआर बालू की अगुवाई में डीएमके नेताओं ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। यह एक ऐसा कदम है, जिससे सरकार के लिए संसद में बहुमत होने के दावे के बावजूद मुश्किल स्थिति पैदा हो गई है।

बालू ने समर्थन वापसी का पत्र सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि द्रमुक के मंत्री बुधवार को अपने इस्तीफे सौंपने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी प्रमुख करुणानिधि का समर्थन वापसी का पत्र राष्ट्रपति को सौंप दिया गया है। बुधवार को हमारे पांच मंत्री दोपहर 12 बजे से पहले प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे सौंप देंगे।

इससे पहले, टीआर बालू के नेतृत्व में द्रमुक के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार रात साढ़े दस बजे राष्ट्रपति भवन में पार्टी प्रमुख एम. करुणानिधि का पत्र राष्ट्रपति को सौंपा जिसमें संप्रग सरकार से पार्टी के 18 लोकसभा सांसदों का समर्थन वापस लेने की बात कही गई है।

मुद्दे पर कांग्रेस से फिर से मेलमिलाप की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों पर बालू ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि मेलमिलाप के कोई अवसर हैं क्योंकि सरकार ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर हमें धोखा दिया है। द्रमुक अपनी इस मांग के लिए दबाव बना रही है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में संशोधनों को रखना चाहिए, ताकि परिषद् वहां हुए श्रीलंकाई तमिलों के ‘नरसंहार’ की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच का आह्वान करे।

द्रमुक द्वारा सरकार को बाहर से समर्थन दिए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बालू ने कहा कि आपके सवाल के प्रत्येक पहलू पर मुख्यालय में चर्चा की जाएगी। मेरे नेता करुणानिधि फैसला करेंगे। जो भी फैसला किलया जाएगा, वह सिर्फ मुख्यालय में किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सुलह की संभावना है क्योंकि सरकार पहले से ही एक प्रस्ताव पर काम कर रही है, बालू ने कहा कि समर्थन वापसी का पत्र सौंपने के बाद सुलह की संभावना कहां बचती है। सवाल दोहराए जाने पर उन्होंने कहा कि प्रस्ताव आने दीजिए। यह कल्पित सवाल है जिसका मैं उत्तर नहीं दे सकता। हम प्रस्ताव का मसौदा देखेंगे । प्रत्येक चीज पर हमारे नेता द्वारा फैसला किया जाएगा।

इसके पहले चेन्नई में करुणानिधि ने समर्थन वापसी की घोषणा करते हुए यह कहकर फैसले पर पुनर्विचार का दरवाजा खुला रखा था कि यदि संसद 21 मार्च से पहले पार्टी की मांग पर प्रस्ताव स्वीकार करती है तो वह अपने निर्णय की समीक्षा करने को ‘तैयार’ है। जिनेवा आधारित मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर 21 मार्च को मतदान होना है। शाम को कांग्रेस नेतृत्व ने बैठक की। इसके बाद सूत्रों ने कहा कि सरकार श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे करुणानिधि को शांत करने के प्रयास के तहत संसद के समक्ष रखा जाएगा। द्रमुक के पांच मंत्रियों में से एमके अलागिर का दर्जा कैबिनेट स्तर का है। द्रमुक के लोकसभा में 18 और राज्यसभा में छह सांसद हैं।

द्रमुक के हटने के बाद लोकसभा में संप्रग की संख्या घटकर 224 तक रह गई है, लेकिन इसके पास 281 सांसदों का समर्थन है, जिसमें बाहर से समर्थन दे रहे दल शामिल हैं। लोकसभा की 539 में से चार सीटें खाली हैं। बाहर से समर्थन देने वाले 57 सासंदों में सपा के 22 और बसपा के 21 सांसद शामिल हैं। दोनों दलों ने कहा है कि वे सरकार का समर्थन करेंगे और इसकी स्थिरता को कोई खतरा नहीं है।

First Published: Wednesday, March 20, 2013, 09:20

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