Last Updated: Sunday, October 7, 2012, 13:08
ज़ी न्यूज ब्यूरो/
एजेंसीनई दिल्ली : इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लगाए गए अपने आरोपों पर रिएलिटी कंपनी डीएलएफ की सफाई को ‘आधा सच एवं आधा झूठा’ करार दिया है।
केजरीवाल ने रविवार को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ‘ट्विटर’ पर कहा, डीएलएफ ने मेरे आरोपों का जवाब दिया है और इस जवाब में आधी सच्चाई और आधा झूठ है। बहुत सारी जानकारियां दबा ली गई हैं।
केजरीवाल ने कहा, इस बारे में हम सोमवार को विस्तृत जवाब देंगे लेकिन वाड्रा क्या डीएलएफ के जवाब का समर्थन करते हैं अथवा उन्हें इस बारे में कुछ और कहना है। हम उनके जवाब का स्वागत करेंगे।
ज्ञात हो कि डीएलएफ ने शनिवार को इस बात से इंकार किया कि उसने अपनी किसी भी सम्पत्ति को कम कीमत में वाड्रा को बेंची।
अपने एक बयान में डीएलएफ ने राबर्ट वाड्रा को बिना गारंटी वाला ऋण कृपादृष्टि के बदले में देने वाले आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने उनके साथ सौदा एक व्यक्तिगत उद्यमी के नाते पारदर्शी तरीके से किया था। कपंनी ने कहा कि उसने 65 करोड़ रुपए ‘व्यापार अग्रिम’ के रूप में दिए थे जिसमें से 15 करोड़ रुपए पूर्ण रूप से वापस कर दिए गए तथा 50 करोड़ रुपए का इस्तेमाल भूमि खरीदने के लिए किया गया।
समाजिक कार्यकर्ताओं अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण की ओर से लगाए गए आरोप कि कंपनी ने वाड्रा पर कृपादृष्टि की, डीएलएफ ने कहा कि उसने राज्य सरकारों से ना तो कोई अनुचित लाभ लिया और ना ही उसे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकारों से कोई भूमि आवंटित की गई।
डीएलएफ ने इसके साथ ही इस आरोप को भी खारिज किया कि कंपनी ने वाड्रा और उनकी कपंनियों को संपत्तियां कौड़ियों के भाव बेचीं। डीएलएफ ने कहा, हम यह बताना चाहेंगे कि डीएलएफ के मिस्टर रॉबर्ट वाड्रा अथवा उनकी कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध व्यक्तिगत उद्यमी के नाते थे तथा ये पूरी तरह से पारदर्शी तथा दोनों पक्ष स्वतंत्र एवं बराबरी की स्थिति में थे।
डीएलएफ ने कहा कि वाड्रा के साथ व्यापारिक संबंध नैतिकता के मानकों पर खरे हैं। उसने कहा, हम यह विशेष तौर पर कहना चाहेंगे कि डीएलएफ ने वाड्रा या उनकी किसी कंपनी को बिना गारंटी का कोई ऋण नहीं दिया।
65 करोड़ रुपए की राशि दो लेन-देन में भूमि खरीदने के लिए व्यापारिक अग्रिम के रूप में दिए गए। डीएलएफ ने कहा कि उसने वर्ष 2008-2009 में गुड़गांव में स्काईलाइट हास्पिटैलिटी से 3.5 एकड़ भूमि 50 करोड़ रुपए में खरीदी थी। उसने कहा, किसी भी स्तर पर स्काईलाइट समूह को ब्याजमुक्त ऋण नहीं दिया गया। सम्पत्ति खरीद के बदले दो व्यापारिक अग्रिम हुए। इसमें से एक 50 करोड़ रुपए का था जिसमें वाणिज्यिक भूमि की खरीद हुई। दूसरा 15 करोड़ रुपए का अग्रिम था जो पूर्ण रूप से वापस कर दिया गया।
First Published: Sunday, October 7, 2012, 13:08