Last Updated: Thursday, October 11, 2012, 23:22
नई दिल्ली : कावेरी निगरानी समिति की आज हुई बहुप्रतीक्षित बैठक में फैसला किया गया कि तमिलनाडु को अगले पखवाड़े में 8.85 टीएमसी पानी मिलना चाहिए लेकिन कर्नाटक ने कहा है कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। समिति का यह फैसला एक केंद्रीय टीम के तथ्यों पर आधारित है जिसने पिछले सप्ताह कर्नाटक और तमिलनाडु का दौरा किया था।
सू़त्रों ने बताया कि फैसला स्पष्ट है कि तमिलनाडु को 16 अक्तूबर से 31 अक्तूबर के बीच में 8. 85 टीएमसी पानी मिलना चाहिए। एक अधिकारी ने बताया, ‘हो सकता है कि कर्नाटक को अपने जलाशयों में से पानी नहीं छोड़ना पड़े। यह जलभराव वाले इलाकों में उपलब्ध हो सकता है।’ लेकिन कर्नाटक ने कहा है कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। सूत्रों ने बताया कि स्थिति की समीक्षा के लिए सीएमसी 29 अक्तूबर को फिर बैठक करेगा और काफी कुछ उत्तर पूर्वी मानसून पर निर्भर करेगा जिसके तमिलनाडु पहुंचने की संभावना है। यदि मानसून सफल रहा तो हो सकता है कि फैसला 29 अक्तूबर से ही बदल जाए।’
सितंबर में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कावेरी नदी प्राधिकरण ने कर्नाटक को 20 सितंबर से लेकर 15 अक्तूबर के बीच तक नियमित आधार पर तमिलनाडु को नौ हजार क्यूसेक पानी देने का निर्देश दिया था। सूत्रों ने बताया कि सीएमसी को 15 अक्तूबर के बाद तमिलनाडु के लिए पानी की उपलब्धता के बारे में फैसला करना था। हालांकि यह अंतरिम आदेश है और कर्नाटक सरकार समीक्षा के लिए सीआरए या सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री से 12 अक्तूबर तक सीआरए के आदेश की समीक्षा किए जाने की अपील की है, जिसके तहत प्रदेश को तमिलनाडु को नौ हजार क्यूसेक पानी देने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल को लिखे एक पत्र की बेंगलुरु में मीडिया को जारी की गई प्रतियों में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री बासवराज बोम्मई ने लिखा है कि प्रधानमंत्री को अंतरराज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम के तहत फैसले की समीक्षा करने का अधिकार है।
कावेरी संकट के चलते तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं से चिंतित केंद्रीय जहाजरानी मंत्री जी.के. वासन ने आज प्रधानमंत्री से अपील की कि वह कर्नाटक को अपने बांधों से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने पर राजी करें ताकि सांबा फसल को बचाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक का तमिलनाडु को पानी नहीं देना गलत फैसला है जिसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 11, 2012, 23:22