तमिलनाडु सचिवालय विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगी SC

तमिलनाडु सचिवालय विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगी SC


नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में राज्य सचिवालय को स्थानांतरित करने से राज्य सरकार को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में राज्य सचिवालय को चेन्नई में ओमंदुरार इस्टेट से फोर्ट सेंट जार्ज में स्थानांतरित करने और द्रमुक शासन में बनी नयी इमारत को अस्पताल और मेडिकल कालेज में तब्दील करने का निर्णय किया था।

न्यायमूर्ति एच एल गोखले और न्यायमूर्ति सुश्री रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने जे रमेश की याचिका पर विचार करने से इंकार करते हुए सवाल किया कि उच्च न्यायालय को किसी रिट याचिका पर सुनवाई से कैसे रोका जा सकता है। न्यायाधीशों ने याचिकाकर्ता के वकीलों से कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय में ही यह मामला उठाना चाहिए।

याचिकाकर्ता के वकील एम पुरुषोत्तम का कहना था कि उच्च न्यायालय में द्रमुक नेता वीरामणि द्वारा राज्य सचिवालय को स्थानांतरित करने से अन्नाद्रमुक सरकार को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर करना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। उनका तर्क था कि चूंकि इस मसले पर उच्च न्यायालय पहले ही दो याचिकाएं खारिज कर चुका है, इसलिए अब इस नयी याचिका पर विचार से उसे रोका जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत में दायर रमेश की याचिका के अनुसार उच्च न्यायालय ने दो याचिकाएं खारिज करते हुए कहा था कि यह नीतिगत फैसला है और इसमें सामान्य रूप में न्यायालय को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। याचिका के अनुसार उच्च न्यायालय में पहले ही दो याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं लेकिन अब इसी विषय पर कुछ संशोधनों के साथ दायर नयी जनहित याचिका पर न्यायालय विचार कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 20, 2012, 18:04

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