Last Updated: Tuesday, May 7, 2013, 21:58

गाजियाबाद : आरुषि-हेमराज हत्याकांड में मंगलवार को बचाव पक्ष ने सीबीआई की विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर आरोपियों के बयान फिलहाल नहीं कराने का अनुरोध किया।
बचाव पक्ष ने कहा कि अदालत के चार मई के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दाखिल हुई है। इस पर दस मई तक सुनवाई होने की संभावना है। लिहाजा मामले मे एक सप्ताह तक सुनवाई न की जाए। इस अर्जी पर दोनों पक्षों की सुनवाई हो गई और अदालत ने आदेश के लिए आठ मई की तारीख निश्चित की है।
हत्याकांड के आरोपी डा. राजेश तलवार तथा उनकी पत्नी डा. नूपुर तलवार सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल की अदालत में पेश हुए। दोनों आरोपियों के बयान होने थे, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनोज सिंह सिसौदिया ने अदालत में एक अर्जी दाखिल की।
अर्जी में कहा गया कि बचाव पक्ष ने सीबीआई अदालत द्वारा चार मई को दिए गए उस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। इस आदेश में अदालत ने बचाव पक्ष की उन दो अर्जियों को खारिज कर दिया था, जिनमें सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक अरुण कुमार तथा इस मामले की विवेचना से जुड़े सीबीआई, उत्तर प्रदेश पुलिस व अन्य लोगों समेत कुल 1 लोगों को गवाही के लिए तलब करने का अनुरोध किया गया था।
विशेष अदालत ने दोनों ही अर्जियों को खारिज कर दिया था। अर्जी में कहा गया कि दस मई तक एसएलपी पर सुनवाई होने की संभावना है। लिहाजा इस मामले में आरोपियों के बयान एक सप्ताह के लिए स्थगित किए जाएं। सिसौदिया ने बताया कि इस अर्जी पर मंगलवार को ही बहस हो गई।
सीबीआई के अधिवक्ता आर के सैनी ने कहा कि यह अर्जी मामले को लंबा खींचने के उद्देश्य से किया गया है। इसे खारिज किया जाना चाहिये । दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अर्जी पर आदेश के लिए आठ मई की तारीख निश्चित कर दी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 7, 2013, 21:58