Last Updated: Monday, November 21, 2011, 14:36
नई दिल्ली : हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि किसी हिंदू महिला को तलाक के बाद कानूनी प्रक्रिया के बिना उसके ससुराल से नहीं निकाला जा सकता क्योंकि उसे घर से स्वत: ही निकाले जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसडी मुखोपाध्याय की पीठ ने एक फैसले में कहा कि एक महिला को उसके पूर्व पति के घर में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है फिर भी पति उसे जबरन अपने घर से नहीं निकाल सकता।
शीर्ष अदालत ने रंजीत कौर नामक महिला की अपील को जायज ठहराते हुए यह व्यवस्था दी। कौर ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कौर के पति मेजर हरमोहिंदर सिंह को तलाक की डिक्री दिए जाने के बाद उन्हें उस घर से निकाले जाने को उचित ठहराया था जो विवादित संपत्ति का हिस्सा था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने महिला की इस याचिका को खारिज कर दिया कि सिंह को विवादित संपत्ति को बेचने से रोकना चाहिए। दंपति मोहाली के एसएएस नगर में विवादित मकान में रह रहे थे। उनकी शादी 1978 में हुई थी।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 22:19