Last Updated: Wednesday, June 20, 2012, 20:34

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार के रूप में तृणमूल सांसद कबीर सुमन से समर्थन मांगकर पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री एवं तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि प्रणब ने जो किया वह अनैतिक है। वह पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। प्रणब और सुमन दोनों अनैतिक राजनीति के धुरंधर हैं। इससे पहले सुमन ने केंद्रीय वित्त मंत्री को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति बताया और वरिष्ठ नेता के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को अनुभवी और समृद्ध व्यक्तित्व वाला होना चाहिए और प्रणब बाबू दोनों मानदंडों को पूरा करते हैं। वह असाधारण और विशिष्ट सांसद रहे हैं। सुमन ने बाद में एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा कि प्रणब बाबू आज (बुधवार) सुबह मुझसे मिले। उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछा और हम दोनों ने राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा की। मैंने उनसे कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता हूं कि आप राष्ट्रपति बनें। ज्ञात हो कि लोकसभा सदस्य और लोकप्रिय गायक सुमन का तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी से इन दिनों मनमुटाव चल रहा है। तृणमूल कांग्रेस प्रणब की उम्मीदवारी का विरोध करती रही है।
एक सप्ताह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में केंद्रीय वित्त मंत्री को अपनी पसंद बताया था, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव और ममता ने प्रणब के नाम को खारिज कर दिया था। ममता को बाद में ठेस पहुंची जब यादव ने कहा कि उनकी पार्टी प्रणब मुखर्जी को समर्थन देगी।
ममता अब भी अपने रुख पर कायम हैं और उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के लिए समर्थन जुटाने को फेसबुक पर अभियान शुरू कर दिया लेकिन पूर्व राष्ट्रपति ने खुद को राष्ट्रपति चुनाव से अलग कर लिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते।
वहीं, सांसद सुमन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया कि उन्हें एक `विपक्षी नेता` की अपनी छवि से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने ममता से यह भी आग्रह किया कि उन्हें विपक्ष की नेता की छवि से बाहर आकर अपने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम करना चाहिए। सुमन ने कहा कि वह बहुत जुझारू हैं। उन्होंने अकेले दम पर वाम दलों का सफाया किया है। उन्हें एक विपक्षी नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता की छवि से बाहर आना चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में व्यवहार करना चाहिए और अधिक शांत रहना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 20, 2012, 20:34