तृणमूल सांसद के निधन से जेपीसी रिपोर्ट को लेकर बैठक टली

तृणमूल सांसद के निधन से जेपीसी रिपोर्ट को लेकर बैठक टली

तृणमूल सांसद के निधन से जेपीसी रिपोर्ट को लेकर बैठक टलीज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद अंबिका बनर्जी के निधन के कारण 2जी घोटाले को लेकर जेपीसी मसौदा रिपोर्ट पर आज होने वाली बैठक फिलहाल टल गई है। इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस परेशानी में है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगा है। बैठक की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है। बैठक टलने से सरकार ने फिलहाल राहत की सांस ली है।

जेपीसी की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दिए जाने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किए जाने से भाजपा बेहद नाराज है। ऐसे में अहम सवाल ये उठ रहा था कि जेपीसी की आज होने वाली बैठक में क्या होगा? उधर, जेपीसी के सदस्य यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से समिति के सामने पेश होने की मांग की है।

आज होने वाली बैठक में जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट पर मुहर लगनी थी। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी तैयारियां कर ली थी। विपक्ष पीसी चाको के नेतृत्व वाली समिति की रिपोर्ट को खारिज कराने की तैयारी में है जबकि सत्ता पक्ष की कोशिश होगी कि असहमति नोट लेकर रिपोर्ट को बहुमत से पारित करा लिया जाए।

रिपोर्ट को खारिज कराने की रणनीति की कमान द्रमुक के टीआर बालू और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने संभाल रखी है। दोनों ही नेता विपक्षी सदस्यों के लगातार संपर्क में हैं। मुख्य फोकस सपा और बसपा के नेताओं पर है। हालांकि दोनों दलों ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व संचार मंत्री ए. राजा को न बुलाए जाने से दोनों दलों के नेता नाराज हैं। उनकी यह नाराजगी यदि अंतिम समय तक नहीं बदली तो बैठक में सत्ता पक्ष के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

संख्या बल के हिसाब से देखा जाए तो सपा, बसपा तृणमूल कांग्रेस और अन्नाद्रमुक की भूमिका निर्णायक होगी। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री को क्लीन चिट और राजा का गवाही के लिए नहीं बुलाए जाने से बीजू जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, माकपा और भाकपा भी नाराज हैं। अन्नाद्रमुक अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरी के चलते सत्ता पक्ष के लिए सहारा बन सकती है क्योंकि राजा को आरोपी ठहराया जाना राज्य की राजनीति में उसके लिए फायदे का सौदा है।

दोनों ही पक्षों ने जेपीसी रिपोर्ट को नाक का सवाल बना लिया है। ऐसे में इस बात के पूरे आसार हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर जो नजारा पीएसी की बैठक में हुआ था, उसके दोहराए जाने के पूरे आसार हैं। सूत्रों के अनुसार जेपीसी का हश्र भी पीएसी रिपोर्ट की तरह होना तय है। सूत्रों का दावा है कि विपक्ष अपनी काउंटर रिपोर्ट भी पेश करने की तैयारी में है। यह माना जा रहा है कि अपने मौजूदा स्वरूप में रिपोर्ट का अनुमोदन कराना सत्तापक्ष के लिए आसान नहीं होगा। विपक्ष के तेवरों से साफ है कि वह समिति के चेयरमैन पीसी चाको को रियायत देने के मूड में नहीं है।

द्रमुक बैठक में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। विपक्ष की पूरी कोशिश है कि बैठक में मतदान हो। सत्तापक्ष चाहता है कि जो सदस्य रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं वे अपनी असहमति की टिप्पणी दर्ज करा दें। उधर प्रधानमंत्री पर पिछले कुछ समय से निशाना साध रहे भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने फिर एक पत्र लिख कर उनसे जेपीसी में पेश होने का अनुरोध किया है।

First Published: Thursday, April 25, 2013, 09:04

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