Last Updated: Tuesday, February 5, 2013, 19:46
बेंगलूरु: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने मंगलवार को कहा कि स्वदेश विकसित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के 2015 तक परिचालनात्मक सेवा में शामिल होने के लिए तैयार रहने की उम्मीद है।
संवाददाताओं से बातचीत में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में परिचालन के लिए स्वदेशी विमान में और सुधार किया जाएगा क्योंकि हाल में लेह में परीक्षण के दौरान उसके इंजन ने काम नहीं किया। संगोष्ठी से इतर उन्होंने कहा कि मेरे आकलन के अनुसार यह (शुरुआती परिचालनात्मक अनुमति दो) इस साल के अंत तक होना चाहिए और अंतिम परिचालनात्मक अनुमति (एफओसी) में और डेढ़ साल लगना चाहिए।
एफओसी अंतिम मंजूरी है जिसके बाद विमान को वायु सेना में परिचालनात्मक तैनाती के लिए तैयार समझा जाता है। जहां एलसीए तेजस का आईओसी प्रथम दो साल पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण एफओसी तारीख स्थगित की गई है। ब्राउन ने कहा कि एलसीए जैसी विकास परियोजना में विलंब होता है। उन्होंने कहा कि हाल में हम उंचाई वाले क्षेत्र में परीक्षण के लिए गए। :एलसीए का: इंजन उतनी उंचाई पर काम नहीं करता है क्योंकि वह उसके अनुरूप नहीं है। यहां तक कि जब सुखोई-30 को भी लेह ले जाया गया था तो उसमें सुधार करना पड़ा था।इसलिए एलसीए में सुधार करना होगा। उसका पुनर्परीक्षण करना होगा। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि विमान ‘आयरनफिस्ट’ अभ्यास में भी हिस्सा लेगा जो 22 फरवरी को राजस्थान के पोखरन में होगा।
उन्होंने कहा कि वहां वह आर-73 मिसाइल के साथ लेजर मार्गदर्शित बम आदि दागेगा। लेकिन काफी काम अब भी किए जाने की आवश्यकता है। इससे पहले यहां एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में डीआरडीओ प्रमुख वीके सारस्वत ने कहा कि एलसीए ने 2000 परीक्षण उड़ानें भरीं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 5, 2013, 19:46