Last Updated: Monday, September 23, 2013, 16:42
नई दिल्ली : तेदेपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित विभाजन के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक से बहिर्गमन किया। परिषद की बैठक सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं, महिलाओं पर हमले तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति का उत्पीड़न मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलायी गयी थी। नायडू तेलंगाना मुद्दे को उठाना चाहते थे तथा केन्द्र का ध्यान राज्य के विभाजन के खिलाफ सीमांध्र क्षेत्र में लगातार हो रहे विरोध की ओर दिलाना चाह रहे थे।
नायडू ने कहा कि उन्होंने जब यह मुद्दा उठाया तो संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसका विरोध किया तथा कहा कि एनआईसी तेलंगाना मुद्दे पर विचार विमर्श करने का मंच नहीं है। सोनिया का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम एवं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नायडू को यह मुद्दा नहीं उठाने दिया। तेदेपा प्रमुख के अनुसार चिदंबरम ने उनसे कहा कि उन्हें एनआईसी बैठक में तेलंगाना पर नहीं बोलने दिया जायेगा और यदि वे चाहे तो बैठक छोड़कर जा सकते हैं।
नायडू ने कहा कि मेरा तर्क है कि यदि मुझे इस जैसे गंभीर मुद्दे पर उस मंच पर नहीं बोलने दिया जायेगा जहां देश का शीर्ष नेतृत्व मौजूद हो तो मैं कहां जाउंगा। उन्होंने कहा कि पूरे सीमांध्र क्षेत्र में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा क्षेत्र हड़ताल के कारण पूरी तरह से लाचार है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 23, 2013, 16:42