Last Updated: Tuesday, January 29, 2013, 09:50

ज़ी न्यूज ब्यूरो
हैदराबाद : अलग राज्य गठन में विलंब से नाराज तेलंगाना क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के सात सांसदों ने निर्णय लिया कि वे संसद और पार्टी, दोनों से इस्तीफा दे देंगे। सांसदों ने यहां बैठक के बाद घोषणा की कि वे लोकसभा अध्यक्ष को सम्बोधित अपने त्यागपत्र मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज देंगे। उधर, तेलंगाना मुद्दे पर एक महीने में फैसला देने के वादे के बाद केंद्र सरकार ने फैसला अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया, इसके अगले दिन सोमवार को आंध्र पदेश के तेलंगाना क्षेत्र में फिर से उबाल आ गया।
सांसदों ने कहा कि वे पार्टी नेतृत्व से कहेंगे कि एक सप्ताह के अंदर तेलंगाना राज्य के गठन पर कोई निर्णय लिया जाए या उनके इस्तीफे लोकसभा अध्यक्ष के पास भेज दिए जाएं। सांसदों में से एक के. राजागोपाल रेड्डी ने कहा कि इस्तीफे भेजने के लिए हम कल (मंगलवार) फिर बैठक करेंगे और अगली रणनीति तय करेंगे। यह हमारी अंतिम बैठक होगी।
बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में राजागोपाल रेड्डी के अलावा पूनम प्रभाकर, मधु याक्षी, एस. राजैया, जी. विवेकानंद, गुठा सुकेंदर रेड्डी और मंडा जगन्नाथ शामिल हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. केशव राव और कई अन्य पार्टी नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना क्षेत्र में हैदराबाद सहित 10 जिले आते हैं। समूचे क्षेत्र से 17 लोकसभा सदस्य हैं, जिनमें से 12 कांग्रेस के हैं। इन सांसदों में से तीन केंद्र सरकार में मंत्री हैं। तेलंगाना पर केंद्र सरकार ने फैसला अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया, इसके बाद आंध्र पदेश के तेलंगाना क्षेत्र में फिर से उबाल आ गया। अलग राज्य गठन की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। इस बीच कांग्रेस के सात सांसदों ने संसद और पार्टी से इस्तीफा देने का निर्णय लेकर अपनी नाराजगी का इजहार किया।
दूसरी ओर, रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र में आंध्र प्रदेश को अखंड रखने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन किया गया। हैदराबाद, वारंगल और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में पुलिस ने तेलंगाना समर्थक कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस के आंध्र प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद के बयानों की निंदा करने के लिए रैलियां निकाली गईं और जगह-जगह बैठकें की गईं।
First Published: Tuesday, January 29, 2013, 09:46