...तो क्या 400 वर्ष में योजना लागू होगी: रघुवंश

...तो क्या 400 वर्ष में योजना लागू होगी: रघुवंश

नई दिल्ली : बिहार में नदी को जोड़ने की एक योजना का डीपीआर तैयार होने में चार वर्ष लगने का जिक्र करते हुए राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को सरकार से पूछा कि अगर डीपीआर तैयार करने में चार वर्ष लगेंगे तब क्या 400 वर्ष में योजना लागू होगी?

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नदियों को जोड़ने की योजना के बारे में पूरक प्रश्न करते हुए सिंह ने कहा कि 2011 में राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी का गठन किया गया और नदियों के जोड़ने की योजना का कार्य इसे सुपूर्द किया गया था। बिहार में नदी को जोड़ने के बारे में 50 किलोमीटर का डीपीआर तैयार करने में चार वर्ष लग रहे हैं तब क्या योजना 400 वर्ष में लागू होगी और तब तक हर साल लोग बाढ़ और सूखे से तबाह होते रहेंगे।

जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हिमालयी नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस योजना के बारे में नेपाल की भी सहमति की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि देश के कई नदी क्षेत्र है जहां वष्रा के मौसम में अधिक पानी रहता है और अन्य समय में पानी कम रहता है। इस विषय को ध्यान में रखते हुए अधिक जल ग्रहण क्षेत्र से कम जलग्रहण क्षेत्र में पानी हस्तांतरित करने को भी ध्यान में रखा जा रहा है। रावत ने कहा कि बिहार से जुड़ी नदियों को जोड़ने की योजना पर काम प्रगति पर है और एक प्रस्ताव पर डीपीआर तैयार हो चुका है और दो प्रस्ताव पर काम आगे बढ़ रहा है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, March 7, 2013, 14:59

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